दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहीन बाग़ में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर पुलिस से कहा है कि वो जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करे। कोर्ट ने कहा कि बड़े स्तर पर जनता के हित को देखते हुए क़ानून-व्यवस्था बहाल किए जाने की दिशा में प्रयास किए जाएँ। सीएए विरोधी प्रदर्शनों के कारण कालिंदी कुंज-शाहीन बाग़ रास्ता दिसंबर 15, 2020 से ही बंद पड़ा है और इसीलिए स्थानीय जनता को ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वहाँ विरोध प्रदर्शन के नाम पर जमे लोग बिरयानी व अंडे खा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के पिकनिक मनाने पर भी स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई है।
मंगलवार (जनवरी 14, 2020) को दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें बंद रास्ते को खोलने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देशित करने की माँग की गई थी। इस याचिका में कहा गया है कि शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के कारण ऐसे लाखों लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा हुई, जो रोज़ाना उस रास्ते से ही सफर करते रहे हैं। पिछले 1 महीने से ऐसे लोग अलग रास्तों से आते-जाते हैं, जिसके कारण उनके कई अतिरिक्त घंटे बर्बाद हो जाते हैं।
इस याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी ने दायर किया था। याचिका में ओखला अंडरपास को भी खोलने की बात कही गई है, जो कई दिनों से बंद पड़ा है। पहले इन रास्तों को अस्थायी रूप से बंद किया गया था लेकिन बाद में इसकी अवधि बढ़ती चली गई क्योंकि शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी उठने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को लोहड़ी के दिन भी वहाँ काफ़ी ख़ुशी का माहौल था और लोगों ने आग जला कर नाच-गान में हिस्सा लिया। कन्हैया कुमार, बरखा दत्त और योगेंद्र यादव सरीखे नेता व पत्रकार भी वहाँ पहुँच कर फोटो क्लिक करवाने में लगे हुए थे।
सड़क जाम के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है। उन्हें स्कूल जाने में 2 घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। प्रदर्शनकारियों के कारण दिल्ली, यूपी और हरियाणा- तीन राज्यों के लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। आश्रम क्षेत्र में स्थिति ये है कि जाम की वजह से सिर्फ़ 1 ट्रैफिक सिग्नल को पार करने में 20 मिनट का समय लग रहा है। इस याचिका में कहा गया है कि जहाँ पहले इस रास्ते से प्रतिदिन 30,000 गाड़ियाँ जाती थीं, शाहीन बाग़ इलाक़े वाला रास्ता बंद होने का कारण 1 लाख अतिरिक्त गाड़ियों की संख्या बढ़ गई है।
Shaheen Bagh protests: Delhi High Court directs Police to look into the closure of Kalindi Kunj road while keeping in mind larger public interest, law and order#ShaheenBaghProtests #KalindiKunj #CAA_NRCProtests @DelhiPolice https://t.co/RZAhU2rh0M
— Bar & Bench (@barandbench) January 14, 2020
बता दें कि शाहीन बाग़ प्रदर्शन को मीडिया का भी बड़ा कवरेज मिल रहा है और इसे मुस्लिम महिलाओं की ज़ंग बता कर प्रचारित किया जा रहा है। यहाँ एक 20 दिन की नवजात बच्ची को आंदोलन का चेहरा बताया गया था। कुछ बूढ़ी महिलाओं को एनडीटीवी ने अपने स्टूडियो में बुला कर इस प्रदर्शन के महिमामंडन का प्रयास किया था।
‘शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी खा रहे बिरयानी, मना रहे पिकनिक’ – जाम से परेशान स्थानीय लोग सड़क पर
शाहीन बाग़ की आवारा भीड़ पर बावली हुई जा रही मीडिया की नज़र में कोटा के बच्चों की जान सस्ती