दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ चल रहे धरना-प्रदर्शन में जाने से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। लेकिन मृत बच्चे की माँ ने कहा कि वो अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है और उनका बच्चा भी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ना चाहता था लेकिन वह इससे पहले ही देश के लिए कुर्बान हो गया। इतना ही नहीं, मृत बच्चे की माँ ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वो अपने दोनों बच्चों और खुद को इस लड़ाई में देश के लिए कुर्बान कर देंगी।
30 जनवरी, 2020 को नाजिया के बच्चे की ठंड लगने से मौत हो जाती है, लेकिन इस पर पत्रकार बरखा दत्त अपने मोजो पर एक वीडियो शेयर करते हुए, उसमें कहती हैं कि 29 जनवरी तक नाजिया अपने बच्चे को विरोध प्रदर्शन में ले गई। वहीं मृत बच्चे की माँ नाजिया अपने बयान में कहती है कि वह 18 दिसंबर से ही शाहीन बाग और जामिया में अपने बच्चे के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं। “मैं हर रोज़ बच्चे को अपने साथ विरोध प्रदर्शन में लेकर आई, एक भी दिन मैंने बच्चे को घर पर नहीं छोड़ा और इसी बीच बच्चे को ठंड लग गई और इसके चलते उसकी मौत हो गई।”
मोजो पर शेयर किए वीडियो में बरखा कहती है कि नाजिया यह कहते हुए अपने बच्चे को शाहीन बाग में लाने का बचाव करती है, कि यहाँ जो भी हो रहा है वह हम सभी के भविष्य के लिए है। वह कहती है, “हमें अपने अधिकारों के लिए भी लड़ना पड़ रहा है, हमें आज़ादी भी चाहिए, इसलिए हम बच्चे को धरने में लेकर आते थे।” नाजिया ने आगे कहा कि उनका बच्चा देश के लिए लड़ते हुए मर गया, लेकिन हम अब भी NRC के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
आगे जब मोजो पत्रकार ने नाजिया से पूछा कि क्या वह अपने अन्य दो बच्चों को धरने में लाने से डरती है तो, तो नाजिया ने कहा “नहीं, हम डरते नहीं हैं। हम उन्हें लाएँगे और जरूरत पड़ी तो उनका बलिदान भी करेंगे। हम इस लड़ाई में देश के लिए मरने को तैयार हैं, लेकिन मोदी और अमित शाह से अनुरोध है कि वह इस काले कानून को वापस ले लें।”
Nazia, Shaheen Bagh protestor whose 4-month-old infant passed away: My son had caught cold, there was no other health issue. We’ll still go to protest for our country. We don’t have any documents, what will we do? We demand that Modi ji & Amit Shah ji should take back CAA&NRC. pic.twitter.com/gv99aRIW81
— ANI (@ANI) February 4, 2020
गौरतलब है कि चार महीने के मोहम्मद जहान के बच्चे की 30 जनवरी को ठंड लगने से मौत हो गई थी। दरअसल कड़ाके की ठंड में CAA और NRC के विरोध में शाहीन बाग में चल रहे धरने में उनके माता-पिता हर रोज अपने बच्चे को साथ ले जाते थे। नाजिया NRC को वापस लाने की माँग कर रही है, लेकिन इसे अभी तक लागू भी नहीं किया गया है। बता दें कि मोहम्मद आरिफ और नाज़िया अपने बच्चों के साथ बटला हाउस क्षेत्र में प्लास्टिक की चादरों और कपड़े से बनी एक झोपड़ी में रहते हैं, जिनके पास एक पाँच साल की बेटी और एक साल का बेटा है।
वहीं इससे पहले टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में बाल अधिकारों के लिए लड़ने वाली दो कथित कार्यकर्ताओं के कुतर्कों का हवाला देकर यह लिखा था कि भगवान कृष्ण जब साँप से लड़ रहे थे और जब भगवान राम-लक्ष्मण राक्षसों से लड़ रहे थे, तब वे सब टीनेजर थे। टेलीग्राफ ने इनाक्षी गांगुली और शंथा सिन्हा के हवाले से एनसीपीसीआर के निर्देशों पर सवाल उठाए हैं। दरअसल राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट में बच्चों के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया था।