सहारनपुर के शहजाद ने घर-वापसी कर हिन्दू धर्म अपना लिया है। वो अब ‘करण चौधरी’ के नाम से जाने जाएँगे। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले शारदा नगर के शहजाद ने ये कदम उठाया है। स्थानीय हरि मंदिर में उनके शुद्धिकरण और घर-वापसी की प्रक्रिया को पूरा कराया गया, जहाँ पुजारी और हिन्दू कार्यकर्ता मौजूद रहे। अब उन्होंने सुरक्षा की माँग की है और अपनी जान को खतरा बताया है। शहजाद के पिता का नाम यूनुस है और उनकी उम्र 25 वर्ष है।
शहजाद ने माँग की थी कि वो इस्लाम मजहब को छोड़ना चाहते हैं और हिन्दू धर्म में शामिल होना चाहते हैं। इसके बाद हिन्दू संगठन ‘बजरंग दल’ के कार्यकर्ता उन्हें लेकर आवास-विकास स्थित हरि मंदिर में गए। वहाँ पूरे विधि-विधान के साथ सारी प्रक्रिया पूरी की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनकी घर-वापसी संपन्न हुई और ‘करण चौधरी’ नाम दिया गया। शहजाद ने अपना नाम बदले जाने का एक शपथ-पत्र भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज हिन्दू ही थे।
अब ‘करण चौधरी’ बन चुके शहजाद ने बताया कि काफी पहले उनके पूर्वजों ने हिन्दू धर्म छोड़ कर इस्लाम मजहब अपना लिया था और मुस्लिम बन गए थे। उन्होंने ये भी बताया कि उनके अब्बा यूनुस ने अब दूसरा निकाह कर लिया है। इतना ही नहीं, उसने अपनी पहली पत्नी और बेटी को भी खुद से अलग कर दिया है। माँ और बहन के साथ हुए अत्याचार को देख कर शहजाद से रहा नहीं गया। उन्होंने इस्लाम को इन कुरीतियों के कारण छोड़ने का मन बना लिया।
#Saharanpur: #BreakingNews: मुस्लिम युवक शहज़ाद बना करण चौधरी। मंदिर में पूजा पाठ यज्ञ कर किया धर्म परिवर्तन, बन गया हिंदू। सहारनपुर के आवास विकास स्थित हरि मंदिर में धार्मिक संगठनों की मौजूदगी में मुस्लिम धर्म छोड़ अपनी इच्छा से हिन्दू धर्म अपनाया। #ReligiousFreedom #Conversion… pic.twitter.com/osalIthh3X
— SaharanpurNEWS (@SaharanpurNEWS) January 6, 2024
उन्होंने बताया है कि जल्द ही उनकी माँ और बहन भी घर-वापसी करेंगी। शहजाद पहले बिजली विभाग में संविदा पर काम करते थे। हालाँकि, उन्होंने कुछ दिनों पहले ही ये नौकरी छोड़ दी है और अब वो एक दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने जूतों की दुकान खोल कर जीवन-यापन का फैसला लिया है। हवन-यज्ञ में हिस्सा लेने और भगवा टीका लगाए जाने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन दुनिया भर में सर्वोपरि है और यहाँ सबको सम्मान मिलता है। इस दौरान विहिप के प्रान्त प्रवर्तन प्रमुख कपिल मोहड़ा भी मौजूद रहे।