दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय में हुई हिंसा मामले में शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा को बरी हो गए। हालाँकि, शरजील को अब भी जेल में रहना होगा। वह दिल्ली में हुए दंगों के अन्य मामले में आरोपित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली की साकेत कोर्ट में शनिवार (4 फरवरी, 2023) को सुनवाई हुई। इसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल को बरी करने का आदेश दिया। इस मामले में दोनों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। आसिफ इकबाल जमानत पर बाहर है। वहीं, शरजील को अब भी जेल में रहना होगा।
नागरिक संशोधन कानून को लेकर दिसंबर 2019 में दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दंगे भड़क उठे थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील और उसके साथियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और गैर कानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120B और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा
बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय में आंदोलन चल रहा था। इस आंदोलन की आड़ में जम कर भड़काऊ भाषण दिए गए थे। इसके बाद दंगे भड़क उठे थे। साथ ही आगजनी और पत्थरबाजी जैसी घटनाएँ भी सामने आई थीं।
जेल में ही रहेगा शरजील इमाम
जामिया हिंसा मामले में बरी होने के बाद भी शरजील इमाम को जेल में रहना होगा। वह साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों के मामले में आरोपित है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 24 फरवरी, 2020 को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में दंगे भड़क उठे थे। दंगे में मुस्लिमों ने मुख्य रूप से हिंदुओं को निशाना बनाते हुए गोलीबारी, पेट्रोल बम, चाकू, तलवार, पत्थरबाजी समेत अन्य तरह से हमले किए थे। इस दंगे में कई पुलिसकर्मियों सहित 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।