जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जेएनयू के छात्र नेता शरजील इमाम द्वारा दिए गए राष्ट्रविरोधी भाषण में उसकी ही आवाज़ है। ‘द सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) ने इसकी पुष्टि की है। लैब रिपोर्ट के हवाले से ऐसा दावा किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने सिटी कोर्ट के समक्ष लैब रिपोर्ट के साथ-साथ शरजील इमाम द्वारा दिए गए भाषणों की पूरी ट्रांसक्रिप्ट भी पेश की है। बता दें कि 13-15 दिसंबर, 2020 को जामिया में हुई हिंसा से पहले शरजील इमाम ने वहाँ भड़काऊ भाषण दिया था।
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के अनुसार, शरजील इमाम के ख़िलाफ़ ये लैब रिपोर्ट एक बड़ा सबूत हो सकती है। शरजील इमाम के भाषणों के कारण जामिया में हिंसा भड़की, ये साबित करने में अब पुलिस को आसानी होगी। पुलिस ने शरजील पर आईपीसी को धारा 124A (राष्ट्रद्रोह) लगाई है।
शरजील ने अपने भाषण में उत्तर-पूर्वी भारत और शेष भारत को जोड़ने वाले ‘चिकेन्स नेक’ को ब्लॉक कर के ज़रूरी सामग्रियों की सप्लाई रोकने की बात कही थी। इस तरह उसने भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के देशद्रोही मंसूबे को आगे बढ़ाया था।
अप्रैल 20, 2020 को आई लैब की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आवाज़ शरजील इमाम की ही प्रतीत होती है। पुलिस का कहना है कि शुरू में तो शरजील इमाम ने अपने आवाज़ का सैम्पल देने से इनकार कर दिया था लेकिन फरवरी 12 को पुलिस के आदेश के बाद उसे ऐसा करने के लिए बाध्य होना पड़ा। फिर उसके जामिया वाले भाषण से इसे मैच किया गया। हालाँकि, फॉरेंसिक रिपोर्ट में ‘संभावित’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
Sharjeel Imam has tested positive for #COVID19. Delhi Police Special Cell had applied for his production warrant in Assam as he is lodged at Guwahati Central Jail & he was going to be presented before a Delhi Court on 25th July, but will not be produced now: Delhi Police Sources pic.twitter.com/4anHQuXvYK
— ANI (@ANI) July 21, 2020
लेकिन, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को कहा है कि ये सबूत इस निष्कर्ष के लिए काफी है कि शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण दिए थे और इसके कारण हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर आवाज़ मैच नहीं हुई होती तो CFSL अपनी रिपोर्ट इसकी स्पष्टता से जिक्र कर देता। हालाँकि, उसके वकील अहमद इब्राहिम का कहना है ये चीजें महत्वपूर्ण नहीं हैं। इमाम ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया था कि उसके भाषण के साथ छेड़छाड़ की गई है।
साथ ही उसने आरोप लगाया कि उसे उसके भाषण से कुछ पंक्तियाँ बोलने के लिए जबरदस्ती बाध्य किया गया था। वकील का कहना है कि ट्रायल के दौरान इसका भी ध्यान रखा जाएगा। पुलिस का कहना है कि शरजील इमाम ने CAA के फैक्ट्स को ग़लत तरीके से पेश कर के पैम्पलेट छपवाए थे और लोगों को भड़काने के लिए बँटवाया था। हाल ही में उसे कोरोना पॉजिटिव भी पाया गया है।
शरजील इमाम के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया है, ‘‘शरजील इमाम पर देश के खिलाफ भाषण देने और एक विशेष समुदाय को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए भड़काने का आरोप है, जो राष्ट्र की संप्रभुता और एकता के खिलाफ है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध की आड़ में उसने एक विशेष समुदाय के लोगों को राजमार्ग बाधित करने के लिए उकसाया और ‘चक्का जाम’ कराया जिससे सामान्य जनजीवन बाधित हुआ।’’