सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जाँच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता वाले आयोग की आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि कि सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले की जाँच के लिए पहले ही एक पैनल गठित कर चुका है। वहीं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भी पेगासस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता में 2 सदस्यीय आयोग का गठन किया था।
BREAKING : Supreme Court Restrains Justice Lokur Commission Constituted By WB Govt From Probing Pegasus Case https://t.co/lAhR761iPU
— Live Law (@LiveLawIndia) December 17, 2021
शुक्रवार 17 दिसंबर, 2021 को इम मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार के जाँच कमेटी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी कर ग्लोबल विलेज फाउंडेशन (NGO) की ओर से दायर की गई याचिका पर जवाब माँगा है। इस याचिका में आयोग की स्थापना करने वाली पश्चिम बंगाल सरकार को चुनौती दी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआइ एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य सरकार के जस्टिस लोकुर आयोग ने कोर्ट के आदेशों के बावजूद जाँच जारी रखी है। जबकि सीजेआइ एनवी रमना ने बंगाल सरकार से कहा था कि वो आगे नहीं बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जाँच के लिए 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में जाँच के आदेश जारी किए थे। हालाँकि, सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार ने भरोसा दिलाया था कि वो जाँच में आगे नहीं बढ़ेंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कमेटी गठित करने के आदेश के बाद जस्टिस लोकुर कमेटी ने जाँच जारी रखी है। इस संबंध में आयोग ने कुछ लोगों को नोटिस भी भेजा था। इसी के खिलाफ एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई करने की माँग की थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को बंगाल सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले के लंबित रहने तक न्यायिक आयोग जाँच शुरू नहीं करेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को पेगासस जासूसी आरोपों की जाँच के लिए बंगाल सरकार द्वारा जाँच आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस भेजकर जवाब माँगा था। इस मामले में एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो आयोग का गठन क्यों किया गया?