शिरोमणि अकाली दल के नेता परमजीत सिंह सरना ने मंगलवार (जून 29, 2021) को मंजिंदर सिंह सिरसा के बयान पर कश्मीरियों से माफी माँगते हुए उसे भड़काऊ करार दिया। उन्होंने दल की ओर सिरसा के बयान पर कश्मीरियों से माफी माँगी और ये भी कहा कि उन्हें मुस्लिम संगठनों ने सहयोग दिया।
उन्होंने स्थानीय मुस्लिम संगठनों व कश्मीर के टॉप मौलवी मिरवाइज उमर फारूख और प्रशासन की सराहना की। साथ ही बताया कि महिला की अपनी पसंद के युवक से मंगलवार को शादी हो गई है और मामला भी सेटल हो चुका है। उन्होंने कहा, “मैं लड़की के घरवालों से मिला। मामला सुलझ गया है। लड़की की जिससे शादी हुई वह उसे जानती थी।”
सरना ने कहा कि अगर महिला ने अपहरण के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति से शादी कर ली होती तो प्रशासन उसे उसके परिवार को नहीं सौंपता। वह बोले “हम मीरवाइज और मुस्लिम संगठनों जैसे लोगों से भी मिले। जिस तरह से उन सभी ने हमारे साथ सहयोग किया, हम उसे जीवन भर नहीं भूलेंगे।”
उन्होंने कहा, “हम उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा), प्रशासन और सभी मुस्लिम संगठनों और कई मस्जिदों के इमामों के शुक्रगुजार हैं जो हमसे मिले। मैंने उनसे यह भी कहा कि चूँकि हम अल्पमत में हैं, इसलिए आपको (बहुमत को) हमारा ख्याल रखना होगा।”
बता दें कि जम्मू कश्मीर में रविवार को सिख महिला के अपहरण के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। पुलिस ने बताया था कि उसे 29 साल के मुस्लिम व्यक्ति ने किडनैप किया और बाद में उसका धर्मपरिवर्तन करवाया गया। इस मामले को सरना ने पहले शर्मनाक बताते हुए कहा था कि इसके ख़िलाफ़ सारी कौम को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। हालाँकि आज उन्होंने अपने सिरसा के बयान पर माफी माँगी।
The local Sikh community of Jammu and Kashmir urges @AmitShah Ji to get a strong law implemented in Jammu & Kashmir (Just like Uttar Pradesh & Madhya Pradesh) mandating Permission of parents in inter-religion marriages to stop these forced Nikahs of Sikh minority girls@ANI pic.twitter.com/Tk6suVnYyu
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) June 27, 2021
मंजिंदर सिंह सिरसा ने बयान में कहा था, “मैं श्रीनगर के स्थानीय नेताओं, मौलानाओं और मुफ्तियों से सिख बेटियों के समर्थन में आने का अनुरोध करता हूँ। सीएए के विरोध के दौरान मुस्लिम बेटियों को सुरक्षित घर पहुँचाने में सिख सबसे आगे थे, लेकिन कोई भी मुस्लिम नेता सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने नहीं आया।”
सिरसा ने यह भी कहा था, “मैं श्रीनगर में स्थानीय सिख समुदाय के साथ जबरन निकाह और सिख बेटियों के धर्मांतरण के विरोध में शामिल हो रहा हूँ, जो दूसरे धर्म के बुजुर्गों से शादी करने के लिए मजबूर है। मैं भारत सरकार से घाटी में इस तरह के निकाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ। सिख समुदाय जबरन धर्म परिवर्तन को बर्दाश्त नहीं करेगा।”