मोदी सरकार ने तीनों को कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला ले लिया है। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन को जारी रखने पर अड़े हुए हैं। इस बीच प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ एक बार फिर से इसका फायदा उठाने की फिराक में है और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए वह लगातार युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ सिख फॉर जस्टिस का चीफ गुरुपवंत सिंह पन्नू किसानों के संसद मार्च की खबर को ध्यान में रखते हुए रिकॉर्डेड ऑडियो संदेश भेजकर लाल किले की तरह ही 29 नवंबर को देश की संसद पर खालिस्तान के झंडे लगाने के लिए उकसा रहा है। इस ऑडियो में गुरुपवंत सिंह पन्नू को यह कहते सुना जा सकता है कि देश को आजाद कराने के लिए भगत सिंह ने पार्लियामेंट में बम फेंका था। ट्रैक्टर को हथियार बनाकर तुम 29 नवंबर को खालिस्तान के केसरी झंडे को भारत की संसद पर चढ़ा दो। सिख फॉर जस्टिस सवा लाख डॉलर (93,81,625 भारतीय रुपए) का ईनाम देगी। 29 नवंबर को खालिस्तान केसरी चढ़ा दो भारत की संसद पर। पंजाब, किसान, हल खालिस्तान।
इस बीच दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि किसी भी हाल में लॉ एन्ड ऑर्डर को खराब करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध पर कोई आपत्ति नहीं है। किसानों के साथ हमारा एक समझौता है और उसी के आधार पर काम किया जाएगा। अस्थाना ने ये भी कहा कि बीट पेट्रोलिंग को और अधिक मजूबत किया गया है।
29 नवंबर का ट्रैक्टर मार्च स्थगित
हालाँकि, किसानों ने 29 नवंबर को होने वाला ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार (27 नवंबर 2021) को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि वह 4 दिसंबर को अपनी अगली बैठक में सरकार के रुख की समीक्षा करके आगे की रणनीति बनाएँगे।
इससे पहले बीते दिनों संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय कमिटी ने फैसला लिया गया था कि 29 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर से 500-500 किसान ट्रैक्टर पर संसद भवन की ओर कूच करेंगे।