आज गुरूवार (10 दिसंबर 2020) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन का भूमि पूजन किया, जिसे लगभग 971 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच की जगह का पुनर्विकास शामिल है। हिन्दू रीति-रिवाज़ों के अंतर्गत भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
श्रृंगेरी के श्री शारदा पीठम से आए पुजारियों के समूह ने विधिवत पूजा की। इसके अलावा ऐतिहासिक आयोजन के मौके पर विभिन्न धर्म के गुरुओं ने ‘सर्व धर्म प्रार्थना’ की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को शिलान्यास के आयोजन की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।
#WATCH: ‘Sarva Dharma Prarthana’ being performed by various religious leaders at the foundation stone laying ceremony of the new Parliament building, in Delhi. https://t.co/6NDd8e8B3p pic.twitter.com/1DRGf37tJV
— ANI (@ANI) December 10, 2020
हिन्दू रीति-रिवाज़ों से भूमि पूजन के लिए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने श्रृंगेरी शारदा पीठम के जगतगुरु श्री भारती तीर्थ महास्वामी से इस संबंध में निवेदन किया था। उन्होंने पूजा के लिए पुजारियों का समूह भेजने की बात कही थी, नतीजतन 6 पुजारियों का समूह मंगलवार को दिल्ली पहुँचा था।
सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर पुराने संसद भवन के सामने अब बनने जा रहा है नए और आत्मनिर्भर भारत को समर्पित नया संसद भवन!
— BJP (@BJP4India) December 10, 2020
आइए, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनें।#NewParliament4NewIndia pic.twitter.com/FUf67QLwnr
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ नए संसद भवन के निर्माण की अवधि लगभग 21 महीने है। इसका निर्माण मौजूदा संसद भवन के नज़दीक ही कराया जा रहा है। नए संसद भवन की इमारत त्रिभुज (तिकोनी) के आकार की होगी, परियोजना में कॉमन सचिवालय और 3 किलोमीटर के राजपथ का पुनर्निर्माण शामिल है।
नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होगा और यह अत्याधुनिक डिजिटल इंटरफेस पर आधारित होगा। इसका उद्देश्य ‘पेपरलेस ऑफिस’ को बढ़ावा देना है। इसके भीतर एक बड़ा संविधान भवन (कॉन्सटिट्यूशन हॉल) भी होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर, पुस्तकालय, सांसदों के लिए लाउंज, कई समिति कक्ष, भोजन कक्ष और बड़ा पार्किंग स्थल भी मौजूद होगा।
लोकसभा सचिवालय के अनुमान के अनुसार नए संसद भवन का निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ नए संसद भवन में निचले सदन (लोकसभा) में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। उच्च सदन (राज्यसभा) में 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी, यानी नए संसद भवन में कुल 1272 सांसदों के बैठने का इंतज़ाम है।
नए संसद भवन की पूरी परियोजना का निर्माण क्षेत्र 64500 वर्ग मीटर होगा। इस परियोजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को भी स्थान दिया गया है, इसके निर्माण में हरित प्राद्यौगिकी का इस्तेमाल होगा।
संसद भवन के गेट नंबर 1 के विपरीत स्थित महात्मा गाँधी की 12 फ़ीट ऊँची विशालकाय प्रतिमा अस्थायी रूप से स्थानांतरित की जाएगी। इसके अलावा 5 और प्रतिमाएँ भी अस्थायी तौर पर स्थानांतरित जाएँगी।
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने बीते सितंबर में 861.90 करोड़ रुपए की बोली लगा कर नए संसद भवन के निर्माण कार्य का ठेका अपने नाम किया था। सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) के मुताबिक़ निर्माण कार्य के पुराने संसद भवन की किसी भी कार्रवाई में बाधा नहीं आएगी। नए संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पुराने का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा।