आपको झारखंड के सरायकेला-खरसावाँ जिले के सरायकेला थाना इलाके के धातकीडीह गाँव में करीब डेढ़ साल पहले तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) नामक चोर की मौत का मामला याद होगा। तबरेज अंसारी की मौत के मामले के सहारे पूरे देश में ‘मॉब लिंचिंग’ का माहौल होने का दुष्प्रचार भी फैलाया गया था। अब इस घटना के दिन चोरी किए गए दो मोबाइल फोन्स के साथ खरसा के कदमडीहा गाँव निवासी आरिफ अंसारी (Arif Ansari) को दबोच लिया गया है। पुलिस लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए थी।
आरिफ अंसारी इससे पहले भी मोबाइल फोन्स की चोरी और चोरी किए गए मोबाइल फोन्स की खरीद-फरोख्त करने के मामले में जेल जा चुका है। उस पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। थाना प्रभारी सनोज कुमार चौधरी इस पूरे मामले में अनुसंधान का नेतृत्व कर रहे और उन्होंने पूरी सजगता के साथ जाँच करते हुए आरोपित आरिफ को गिरफ्तार किया। वो मृतक तबरेज अंसारी का साथी था और चोरी का सामान बेचा करते थे।।
इस पूरे मामले को संसद में भी उठाया गया था और केंद्र के साथ-साथ झारखंड में भी भाजपा की सरकार होने के कारण विपक्षी दलों और नेताओं ने ‘मुस्लिमों की मॉब लिंचिंग’ का मामला उठाते हुए तबरेज अंसारी की मौत के मामले में राजनीति की थी। उससे ‘जय श्री राम’ बुलवाए जाने के आरोपों के अलावा ‘हिंदूवादी गुंडों’ को उसकी हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। मोबाइल फोन्स की चोरी का ये मामला जून 17, 2019 का है, जो धातकीडीह गाँव में घटी थी। गाँव के हेमसागर प्रधान और राजेश प्रमाणिक ने दर्ज कराया था।
ये मोबाइल फोन्स उनके घर से ही चोरी हो गए थे। इसके बाद से ही पुलिस ने इन चोरी हुए मोबाइल फोन्स के EMI नंबरों को नोट कर के उन्हें ट्रेसिंग के लिए सर्विलांस पर रख दिया था और इस पर नजर रखी गई थी। हाल ही में, चोरी हुए ये दोनों मोबाइल फोन्स ऑन किए गए, जिससे पुलिस तुरंत सतर्क हो गई। छानबीन के बाद पुलिस आरिफ अंसारी के घर पहुँची और उसे चोरी हुए मोबाइल फोन्स के साथ गिरफ्तार कर लिया।
सरायकेला थाना अंतर्गत धातकीडीह गाँव में हुई चोरी की घटना के बाद ही ग्रामीणों ने तबरेज अंसारी नामक चोर को पकड़ के पीटा था। मोहम्मद इरफान और नुमेर अली नामक उसके दो साथी भागने में सफल रहे थे। ये दोनों अब भी फरार हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है। फरार आरोपितों के खिलाफ उनके परिजनों ने भी गुमशुदगी का कोई मामला नहीं दर्ज कराया है। पिटाई के 3 दिन बाद तबरेज अंसारी की मौत हुई थी।
सितम्बर, 2019 में झारखंड पुलिस ने तबरेज अंसारी की मौत के मामले में दायर आरोप-पत्र से हत्या की धारा को हटा दिया था। पुलिस ने डॉक्टरों की रिपोर्ट (पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट) का हवाला देते हुए कहा था कि तबरेज की मौत तनाव और कार्डियक अरेस्ट (हृदयाघात) की वजह से हुई थी। झारखंड पुलिस के इस फैसले के बाद सभी 11 आरोपितों के ऊपर से हत्या संबंधी IPC की धारा (धारा 302) हटा ली गई थी।