Sunday, November 17, 2024
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बंगाल में वंदे भारत एक्सप्रेस पर फिर हुआ पथराव, खिड़की के शीशे टूटे: राज्य में अब तक तीसरी घटना, यात्री खौफ में

पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। घटना की जाँच कराई जाएगी। इसके अलावा भविष्य में इस तरह के हमले न हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। रेलवे ने घटना की जाँच के आदेश दिए हैं।"

पश्चिम बंगाल में शनिवार (11 मार्च 2023) को मुर्शिदाबाद जिले में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी हुई। घटना के वक्त ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी से होकर हावड़ा आ रही थी, तभी फरक्का ब्रिज के पास ट्रेन पर पथराव हुआ। घटना में ट्रेन के सी 31 कोच के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मामले की जाँच की जा रही है।

पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। घटना की जाँच कराई जाएगी। इसके अलावा भविष्य में इस तरह के हमले न हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। रेलवे ने घटना की जाँच के आदेश दिए हैं।”

ट्रेन के यात्रियों ने इस संबंध में हावड़ा पहुँचने के बाद अपनी शिकायत दी। उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह वंदे भारत एक्सप्रेस वे पर हो रहे बार बार हमलों से उन्हें डर लगने लगा है।

बता दें कि बंगाल में वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी ने 30 दिसंबर को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद इस ट्रेन पर हमले की यह तीसरी घटना है। ट्रेन संचालन के कुछ दिन बाद मालदा और फिर किशनगंज में ट्रेन के डिब्बों पर पत्थर फेंके गए थे।

जानकारी के मुताबिक, (2 जनवरी 2023) शाम भी वंदे भारत एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा लौट रही थी। तभी, मालदा जिले के कुमारगंज के पास अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके थे। पथराव के कारण ट्रेन के कोच सी-13 के दरवाजे को नुकसान हुआ साथ ही विंडो में भी दरार आ गई थी।

पीएम मोदी ने दी थी बंगाल को ‘वंदे भारत’ की सौगात

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी थी। यह ट्रेन हावड़ा और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चालू की गई थी। ट्रेन के उद्घाटन हेतु आयोजित कार्यक्रम में, ममता बनर्जी जब मंच की ओर बढ़ रहीं थीं तब वहाँ मौजूद लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए थे। इन नारों के कारण ममता बनर्जी ने मंच में बैठने से मना कर दिया था। पूरे कार्यक्रम के दौरान, वह प्लेटफॉर्म के पास लगी कुर्सियों में बैठीं थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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