द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद पाकिस्तान के हितैषी और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार में भागीदार यासीन मलिक की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों-शोरों से हो रही है। लेकिन यासीन से जुड़ी ये हालिया चर्चा उन मीडिया संस्थानों जैसी नहीं है जहाँ पर यासीन जैसे अलगाववादी को ‘सर-सर’ कहकर उसकी बातें सुनीं जाएँ। उसके विचारों के लिए उसे पूरा मंच सौंप दिया जाए या कॉन्ग्रेस की मनमोहन सरकार की तरह उसकी पीएम आवास में आवभगत की जाए।
इंडिया टुडे का यूथ आइकन
सोशल मीडिया यूजर्स खुलकर इस अलगाववादी यासीन के कृत्यों को साझा कर रहे हैं और उन लोगों को भी लताड़ रहे हैं जिन्होंने इसके कुकर्मों को न केवल छिपाने का प्रयास किया बल्कि इसे मसीहा की तरह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 2008 में इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में यासीन मलिक को यूथ आइकन बनाकर उतारा गया और उसके अलगाववादी संगठन को सेकुलर कहा गया। इस मंच का इस्तेमाल करके मलिक ने पूरे 12 मिनट ऑन टीवी अपने अलगाववादी विचारों का प्रचार प्रसार बुद्धिजीवी बनकर किया था।
बीबीसी पर स्वीकारी थी मलिक ने कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात
इससे पहले बीबीसी जैसा विदेशी मीडिया भी यासीन को अपने चैनल के माध्यम से हीरो दिखाने का प्रयास कर चुका था और इसी शो में उसने स्वीकार किया था कि उसने कश्मीरी हिंदू रिटायर्ड जज नीलकंठ गंजू को मारा। उसका तर्क था कि आखिर गंजू ने जिसे फाँसी की सजा सुनाई उस मकबूल भट की गलती ही क्या थी। उसके मुताबिक आतंकी मकबूल को जो गंजू ने सजा दी वो राजनीति से प्रेरित फैसला था। हैरानी की बात ये है कि इसी इंटरव्यू में यासीन मलिक ने हँस-हँस कर चार निहत्थे इंडियन एयर फोर्स सैनिकों को कश्मीर में मारने की बात स्वीकारी थी। उसके हाथ अन्य कश्मीरी हिंदुओं के खून से भी रंगे कहे जाते हैं।
जब रवीश के मुँह से यासीन मलिक के लिए निकला ‘सर’
इंडिया टुडे और बीबीसी की इस रेस में ध्यान रहे एनडीटीवी भी पीछे नहीं था। एनडीटीवी चैनल के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने साल 2013 में यासीन मलिक को तब बोलने का मंच दिया था जब वह भूख हड़ताल के नाम पर हाफिज सईद के साथ बैठा दिखा था। आपको जानकर शायद हैरानी न हो कि रवीश कुमार इस शो में कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कबूल चुके यासीन को यासीन साहब और सर-सर कहकर बुला रहे थे।
यासीन मलिक को मनमोहन सरकार में मिला प्यार
इनके अलावा यासीन मलिक को यूपीए सरकार में कॉन्ग्रेस पार्टी से भी खूब प्यार मिला था। साल 2006 में मनमोहन सिंह ने जेके एलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को नई दिल्ली में पीएम आवास पर बुलाया और कई मुद्दों पर उससे चर्चा की। आज भी यासीन मलिक के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की मुस्कुराती फोटो, वीडियो आपको वायरल होती मिल जाएगी।