आपबीती ऐसी कि आप सिहर जाएँ। जख्म ऐसे कि शायद ही भरें। उनका दोष केवल इतना था कि वे बीजेपी के कार्यकर्ता थे। या फिर वोटर। ऐसे ही लोगों में से एक हैं 40 साल के मेघु दास। वे उन हजारों लोगों में से एक हैं जो पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद भड़की हिंसा के कारण अपना घर छोड़ भागने को मजबूर हुए। उन्होंने असम के धुबरी जिले में ऐसे लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में शरण ले रखी है।
नेत्ररोग से पीड़ित दास ने न्यूज 18 को बताया कि 6 दिन पहले ही कोरोना से उनकी माँ की मृत्यु हुई थी। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि मॉं का अंतिम संस्कार कैसे होगा। उन्होंने बताया, “मंगलवार (4 मई 2021) की सुबह कुछ लोग मुझे खोजते आए। वे मेरी हत्या करना चाहते थे। उनका कहना था कि मैंने बीजेपी को वोट दिया है, अब उसका बदला लिया जाएगा। मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा और असम आने में कामयाब रहा।”
दास कूच बिहार जिले के तूफानगंज विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। वे फिलहाल धुबरी के रंगपागली गाँव के क्लब हाउस में बनाए गए शिविर में करीब 250 लोगों के साथ ठहरे हुए हैं।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में 2 मई को तृणमूल कॉन्ग्रेस की जीत के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई थी। तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों पर हत्या, मारपीट, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप हैं। हिंसा से जान बचाकर भागे सैकड़ों लोग असम पहुँचे हैं।
असम के मंत्री और भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया है कि बंगाल के कूच बिहार से 21 लोग असम के श्रीरामपुर पहुँचे। सरमा ने 45 वर्षीय धीरेन साहा के बारे में जानकारी दी जो घायल हैं। सरमा ने कहा कि ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस मासूमों के साथ अत्याचार कर रही है जो अपनी जान बचाकर असम आ रहे हैं।
The traumatized and hapless people from Falimari & Rampur villages in Bengal are accommodated temporarily at Assam’s Srirampur MGR ME School, after COVID test. All necessary help being given.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 5, 2021
Such shame that Bengal makes such a brazen mockery of law, as disorder prevails! ENDS pic.twitter.com/z7Opk7ZZcl
सरमा ने बताया कि बंगाल के फलिमारी और रामपुर से असम पहुँचे लोगों को श्रीरामपुर के एमजीआर स्कूल में रखा गया है जहाँ उन्हें सभी आवश्यक सहायता मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा पिछले कई दिनों से बंगाल से असम पहुँच रहे भाजपा कार्यकर्ता धुबरी के राहत शिविरों में रह रहे हैं।
धुबरी के ही राहत शिविर में न्यूज 18 के संवाददाता को बीजेपी के एक बूथ अध्यक्ष मिले। अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि 05 मई को वे बाजार में थे तभी दूसरी तरफ से तृणमूल कॉन्ग्रेस का जुलूस आ रहा था। इससे पहले वे कुछ समझ पाते जुलूस ने उन पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। भीड़ यह चिल्लाते हुए उन्हें मारने दौड़ी कि ‘वो बूथ प्रेसीडेंट है, पकड़ो उसे’। भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि उनके पीछे लगभग 50 लोग थे जिनमें से अधिकांश ‘मुस्लिम’ थे। उन्होंने बताया कि जान बचाने के लिए उन्हें नदी में छलाँग लगानी पड़ी। इसके बाद वे असम पहुँचे।
मेघू दास या भाजपा के अनाम बूथ अध्यक्ष जैसे ही आपबीती कई और की हैं। ऐसे ही लोगों में बीजेपी के दलित नेता भास्कर मंडल भी शामिल हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। इसमें वह फूट फूटकर रोते हुए जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि सुनियोजित तरीके से हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके घर को लूटा जा रहा है। आग के हवाले कर दिया जा रहा है। वे यह भी कह रहे हैं कि केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को ही निशाना नहीं बनाया जा रहा है। उनके परिवार को भी गुंडे नहीं छोड़ रहे हैं।
इस बीच बंगाल हुई हिंसा की जाँच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 सदस्यीय टीम राज्य में भेजी है। अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली यह टीम हिंसा की घटनाओं और ताज़ा परिस्थिति की जाँच करेगी। टीम में CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।