मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (इंदौर खंडपीठ) ने कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) की जमानत याचिका पर सोमवार (जनवरी 25, 2021) को आदेश सुरक्षित रख लिया। फारूकी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के एक मामले में इंदौर पुलिस ने 2 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “लेकिन आप अन्य धर्मों की भावनाओं का अनुचित लाभ क्यों उठाते हैं? आपकी मानसिकता के साथ क्या समस्या है? आप अपने व्यवसाय के उद्देश्य के लिए यह कैसे कर सकते हैं?”
Judge: But why you take undue advantage of other’s religious sentiments and emotions. What is wrong with your mindset? How can you do this for the purpose of your business?
— Live Law (@LiveLawIndia) January 25, 2021
पंद्रह मिनट तक चली इस सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मुनव्वर फारूकी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा से पूछा कि क्या वो जमानत आवेदन वापस लेना चाहते हैं? इस पर अधिवक्ता तन्खा ने कहा, “उन्होंने इस मामले में कोई अपराध नहीं किया है। जमानत दी जानी चाहिए।”
जमानत याचिका का विरोध करने वाले कुछ हस्तक्षेपकर्ताओं ने पीठ को बताया कि कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने हिंदू देवताओं और देवताओं के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक बयान दिए हैं।
एक वकील ने कहा, “आरोपित मुनव्वर फारूकी ने पहले कई ऐसे वीडियो पोस्ट किए हैं, जो 18 महीने पहले सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए थे। उनकी यह टिप्पणी 18 महीने पहले की गई थी। उन्होंने तीन अलग-अलग मौकों पर, यानी कॉमेडी शो में इन बयानों को दोहराया। इसे देखकर अन्य कॉमेडियन भी हिन्दू देवी-देवताओं पर ऐसे चुटकुले बना रहे हैं। 70% कॉमेडियन ऐसा कर रहे हैं।
जब पीठ ने पूछा कि क्या अन्य वकील जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं? तो एक अन्य वकील ने भी आरोप लगाया कि फारूकी ने भगवान राम और सीता के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। इसके बाद न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने कहा, “ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मैं आदेश सुरक्षित रखता हूँ।”
The Madhya Pradesh High Court(Indore Bench) on Monday reserved orders on the bail application of comedian #MunawarFaruqui , who was arrested by Indore police on January 2 in a case for alleged hurting of religious sentiments.
— Live Law (@LiveLawIndia) January 25, 2021
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जज ने जमानत अर्जी पर आपत्ति जताने वाले अन्य लोगों से संबंधित दस्तावेज और सबूत दाखिल करने को कहा। अदालत ने फारूकी के सह-कलाकार के रूप में गिरफ्तार सह-आरोपित नलिन यादव की जमानत याचिका पर भी आदेश सुरक्षित रखा है।
फारूकी और उसके साथ दूसरे आरोपित को अभी दो और रातें कस्टडी में बितानी पड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि मामले की अगली सुनवाई आने वाले बुधवार को हो सकती है।
गौरतलब है कि गत 1 जनवरी को इंदौर के 56 दुकान इलाके में आयोजित एक शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले चार अन्य लोगों के साथ गुजरात के निवासी मोहम्मद फारूकी को 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
फारूकी के खिलाफ स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर (36) ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने 05 आरोपितों के खिलाफ धारा -299-ए और धारा 269 भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया था।
लिबरल्स को याद आई FoE
इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति रोहित के बयान के बाद सोशल मीडिया पर लिबरल जमात उनकी कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। इसमें भी न्यायमूर्ति के उस आदेश का जिक्र किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने एक छेड़छाड़ के आरोपित को पीड़िता को राखी बाँधने का आदेश देते हुए उसकी रक्षा करने का वचन देने को कहा था। कई लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि न्यायमूर्ति को ऐसा नहीं कहना चाहिए था।
What else expected from this judge https://t.co/5340xgfHCN
— Niradhar (@fsdanconia) January 25, 2021
एक ट्विटर यूजर ने तो न्यायमूर्ति रोहित आर्य को ‘ब्राह्मण’ तक बता दिया है।
Judge arya is a brahaman . U can’t expect him to forget his idols . Should file a application of changing bench or judge
— sagar (@sagar00595541) January 25, 2021