सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा अपने संविधान में किए गए संशोधन को मंजूरी देते हुए अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को बड़ी राहत दी है। अब इनके अगले कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड ने अपने अपने संविधान में अधिकारियों के कार्यकाल और कूलिंग पीरियड को ढील देने को लेकर ढील दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी भी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है। इसके अलावा, BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा।
BCCI बनाम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के इस मामले में अदालत यह भी कहा कि बोर्ड के संविधान में कोई भी प्रकार का संशोधन अदालत की अनुमति के बिना प्रभावी नहीं होगा। बता दें कि सौरव गांगुली के अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर BCCI के संविधान में बदलाव किया गया था। इसके बाद करीब तीन साल पहले यह याचिका दायर की गई थी।
Order: By the judgment of this court in BCCI v. Cricket Association Bihar, the draft constitution of BCCI was approved. The court however stipulated that any amendment to the constitution shall not be given effect to without the leave of the court.
— Live Law (@LiveLawIndia) September 14, 2022
दरअसल, 2018 में बीसीसीआई का नया संविधान लागू हुआ था। इसमें यह नियम था कि कोई भी अधिकारी जिसने राज्य या BCCI के स्तर पर अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हों, उसे तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करना होगा। इस नियम के तहत छह साल पूरे होने पर वह व्यक्ति खुद ही चुनाव की रेस से पूरी तरह बाहर हो जाएगा।
बीसीसीआई ने कोर्ट में याचिका देकर इन नियमों में बदलाव की माँग करते हुए कूलिंग ऑफ पीरियड को पूरी तरह से रद्द करने की माँग की थी। इसके साथ ही उसने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि इसके संविधान में बदलाव हो और सचिव को ज्यादा ताकत दी जाए, ताकि बोर्ड को बार-बार कोर्ट के पास न आना पड़े।
दरअसल, BCCI ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि उसके अधिकारियों के लगातार दो कार्यकाल की इजाजत दी जाए। BCCI ने तर्क दिया कि राज्य क्रिकेट संघों में भी तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होता है। इसके कारण BCCI में उनके प्रमोशन में दिक्कतें आती हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एक कार्यकाल के बजाय दो कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड दी जा सकता है।
फैसले के साथ ही अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब BCCI के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के दूसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में दोनों का पहला कार्यकाल है।
BCCI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ के सामने अपना तर्क रखा। उन्होंने कहा कि BCCI एक स्वायत्त संस्था है और सभी बदलावों पर क्रिकेट संस्था की वार्षिक आम बैठक (AGM) में विचार किया गया।