Sunday, November 17, 2024
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पतंजलि को बड़ी राहत, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का केस सुप्रीम कोर्ट ने किया बंद: IMA ने कहा था- एलोपैथी को कर रहे हैं बदनाम

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ चल रहे कोर्ट के अवमानना मामले को बंद कर दिया है, लेकिन साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कोर्ट कड़ी सजा देगा।

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को आज (13 अगस्त 2024) सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे कोर्ट के अवमानना मामले को बंद कर दिया है, लेकिन साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कोर्ट कड़ी सजा देगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के खिलाफ केस दायर किया था कि वो कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी को बदनाम कर रहे हैं। कोर्ट में इस केस की सुनवाई जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने की। 

पतंजलि ने अपनी ओर से कई दलीलें दीं। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट में कुछ काम नहीं आया। 2023 के नवंबर में पतंजलि ने आश्वासन दिया कि वह ऐसे विज्ञापनों से दूर रहेंगे। हालाँकि बाद में फरवरी तक जब यह सिलसिला जारी रहा तो कोर्ट ने इस संबंध में कंपनी और उसके एमडी को अवमानना ​​नोटिस जारी किया। साथ ही फरवरी में न्यायालय ने पतंजलि द्वारा दिए जा रहे विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया

मार्च 2024 में अवमानना ​​नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने पतंजलि के एमडी बालकृष्ण और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। अप्रैल 2024 में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोर्ट में पेश होकर एलोपैथिक दवाओं पर टिप्पणी करने के लिए माफी माँगी तथा भ्रामक दावे करने के लिए कंपनी और बालकृष्ण को न्यायालय की अवमानना ​​का नोटिस जारी किया।

14 मई को मामले से संबंधित फैसला सुरक्षित रखा गया और आज इस मामले में ये अपडेट आया। आईएमए और पतंजलि से जुड़े मामले में दिलचस्प यह है कि इस केस में आईएमए के अध्यक्ष आरवी अशोकन यानी याचिकाकर्ता खुद आलोचनाओं के घेरे में हैं। कोर्ट ने उनसे कहा था कि आईएमए अध्यक्ष ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोला है उसके लिए वो माफी माँगे। इसके बाद आरवी अशोकन ने भी उनसे माफी माँगी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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