सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम रिपोर्ट हर हाल में 31 जुलाई 2019 तक पूरा करने के लिए कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसके लिए एनआरसी के को-ऑर्डिनेटर, असम सरकार और चुनाव आयोग के साथ बैठकर इस मामले में योजना बनाने के लिए कहा है।
कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की वजह से एनआरसी का काम किसी तरह से प्रभावित नहीं होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के जज ने यह भी कहा कि इसके लिए असम के चीफ सेक्रेटरी, राज्य के चुनाव आयुक्त व एनआरसी से जुड़े अधिकारी आपस में बैठकर तय करें कि लोकसभा चुनाव व एनआरसी दोनों से ही जुड़े काम को सरकारी कर्मचारी बेहतर तरह से कैसे कर पाएँगे।
कोर्ट में बहस के दौरान एनआरसी के अधिकारियों ने बताया कि 31 दिसंबर 2018 तक एनआरसी लिस्ट में कुल 36.2 लोगों ने अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया था। 30 जुलाई को एनआरसी ने एक रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि 3.29 करोड़ लोगों के आवेदन में से 2.9 करोड़ लोगों का नाम इस लिस्ट में जोड़ा गया था।
इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि असम की तरफ़ से कोर्ट में पेश होने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक सप्ताह के भीतर सभी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करें। इस मीटिंग की रिपोर्ट को अगले बार सुनवाई के दौरान रखने के लिए कोर्ट ने कहा है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 5 फ़रवरी को तय की है।