Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'आप इस तरह महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते': प्रोफेसर शहरयार अली को SC...

‘आप इस तरह महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते’: प्रोफेसर शहरयार अली को SC की फटकार, स्मृति ईरानी पर की थी अश्लील टिप्पणी

प्रोफेसर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दावा किया कि प्रोफेसर का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था। साथ ही कहा कि पोस्ट की जानकारी मिलते ही माफीनामा पोस्ट किया गया।

फिरोजाबाद के एसआरके कॉलेज में इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शहरयार अली ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शुक्रवार (जुलाई 9, 2021) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी को बदनाम करने के लिए नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने उक्त प्रोफेसर को गिरफ़्तारी से राहत नहीं प्रदान की।

उसने फेसबुक पर स्मृति ईरानी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति की आलोचना की जा सकती है या मजाक बनाया जा सकता है, लेकिन इस दौरान भाषा की मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रोफेसर शहरयार अली ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने उसे गिरफ्तार से संरक्षण देने से मना कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आप इस तरह से महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ किसी की मानहानि करने के लिए नहीं कर सकते। आखिर किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है? आलोचना या मजाक करने की भी एक भाषा होती है। ऐसा नहीं है कि आप कुछ भी कह दीजिए।” शहरयार अली ने सारी मर्यादा तोड़ते हुए ईरानी पर अश्लील टिप्पणी कर डाली थी।

भाजपा के एक नेता ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद आरोपित के खिलाफ IPC और IT एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। मई में भी उक्त प्रोफेसर ने इलाहबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तब भी उसे गिरफ़्तारी से राहत नहीं दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि वो एक कॉलेज में वरिष्ठ शिक्षक है, इसीलिए नरमी नहीं दिखाई जा सकती। हाईकोर्ट ने माना था कि इस पोस्ट से दो समुदायों के बीच तनाव भड़कने की आशंका थी।

हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी तो प्रोफेसर शहरयार अली ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। प्रोफेसर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दावा किया कि प्रोफेसर का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था। साथ ही कहा कि पोस्ट की जानकारी मिलते ही माफीनामा पोस्ट किया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि लगता है बाद में ये कहानी गढ़ी गई। पीठ ने कहा कि माफ़ी माँगने के लिए उसी अकाउंट का इस्तेमाल किया गया, इससे स्पष्ट है कि आप अब भी वही अकाउंट चला रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -