सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (4 जून 2024) को दिल्ली शराब घोटाला केस में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। मनीष सिसोदिया पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। हालाँकि कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को नए सिरे से जमानत अर्जी डालने की छूट दी है। मनीष सिसोदिया की तरफ से अदालत में अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की।
बार एन्ड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जमानत अर्जी की सुनवाई न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच में हुई। मनीष सिसोदिया की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनका मुवक्किल लगभग 15 महीनों से जेल में हैं और अभी ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट राजनैतिक रूप से संवेदनशील मामलों को सही समय पर नहीं निबटाती है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया है। बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया और जमानत देने से इनकार कर दिया। मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनको फिर से गुण-दोष के आधार पर जमानत अर्जी दाखिल करने का अधिकार है।
हालाँकि, आदेश में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि नए सिरे से जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएँ या ट्रायल कोर्ट का। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ चल रही जाँच में 3 जुलाई 2024 तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
बता दें कि मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2023 को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद से वे जेल में हैं। वहीं, उनकी पत्नी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस मामले में जमानत के लिए उन्होंने ट्रायल कोर्ट और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। हालाँकि, दोनों ही अदालतों में उनकी याचिका ख़ारिज हो चुकी है।