ज्ञानवापी विवादित ढाँचे की सर्वे रिपोर्ट आज (मई 19, 2022) वाराणसी कोर्ट में जमा कर दी गई। इस दौरान हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ये रिपोर्ट 10-15 पेजों की है। इस बीच खबर आई है कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली कोर्ट में इस केस की सनुवाई पर 20 मई तक रोक लगाई है।
The report has been submitted before the court. People from both sides will be present before the court. It is a 10-15 page long report: Assistant Court Commissioner Ajay Pratap Singh on Gyanvapi mosque survey report pic.twitter.com/lgkfoF59nj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 19, 2022
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ज्ञानवापी केस की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय 20 मई को 3 बजे करेगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी अदालत को निर्देश दिए हैं कि वो 20 मई तक इस केस पर हियरिंग न रखें।
Supreme Court to hear Gyanvapi mosque case on Friday, 20th May at 3 pm
— ANI (@ANI) May 19, 2022
जानकारी के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष की याचिका को वरिष्ठ वकील हुफेजा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में दिया था। उन्होंने अदालत से कहा था कि देश भर में कई मामले हैं लेकिन इस मामले को आज सुना जाना अतिआवश्यक है। वहीं हिंदू पक्ष की ओर से पेश विष्णु शंकर जैन ने अदालत को बताया कि उनकी ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन की तबीयत ठीक नहीं हैं इसलिए इस मामले को कल यानी 20 मई को सुना जाए। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका पर 20 मई को सुनवाई करेंगे लेकिन तब तक वाराणसी का ट्रायल कोर्ट भी इस याचिका पर कोई सुनवाई न करे।
शेषनाग, देव विग्रह, हिंदू प्रतीक, कलाकृतियाँ, सिंदूरी लेप…
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) May 19, 2022
ज्ञानवापी के सर्वे में क्या-क्या दिखा, कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में सब कुछ दर्ज#GyanvapiSurvey https://t.co/NGSHrIZ8HW
ज्ञानवापी में मिले हिंदू प्रतीक
गौरतलब है कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे मामले पर सर्वे पूरा होने के बाद इससे पहले पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा की रिपोर्ट को लेकर खुलासा हुए। सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी ढाँचे की पश्चिमी दीवार पर शेषनाग और हिंदू देवी-देवताओं की कलाकृति साफ रूप से नजर आ रही है। दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी लेप की उभरी हुई कलाकृति है। इसमें देवों के रूप में चार मूर्तियों की आकृति दिखाई दे रही है।
दो पेज की रिपोर्ट में पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने न्यायालय को आगे बताया कि 6 मई को हुई जाँच में चौथी आकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है और उस पर सिंदूर का मोटा लेप है। इसके आगे दीपक जलाने के लिए उपयोग में लाए गए त्रिकोणीय ताखा (गंउखा) में फूल रखे हुए थे। इसके अलावा पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर व ढाँचे की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा हुआ है। यह शिलापट्ट भी उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। इन पर उभरी हुई कलाकृतियाँ ढाँचे की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाती दिख रही हैं।