सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (16 अगस्त, 2023) को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आसपास ध्वस्तीकरण की करवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पीछे बने अवैध निर्माणों पर रेलवे प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जा रही थी। जस्टिस अनिरुद्ध बोस, संजय कुमार और SVN भारती ने इस मामले में वहाँ के निवासियों को राहत प्रदान की है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांतो चंद्र सेन ने उनकी तरफ से पैरवी की।
उन्होंने दलील दी कि अगर डेमोलिशन ड्राइव यूँ ही चलता रहा तो फिर उसे रोकने के लिए दायर हुई इस याचिका का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा। उन्होंने दावा किया कि वो सुप्रीम कोर्ट पहुँचे, तब उत्तर प्रदेश में सारी की सारी अदालतें बंद थीं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इसी का फायदा उठा कर प्रशासन ने 100 से भी अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 200 मकान हैं, जिनमें से मात्र 70-80 बचे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर इसे तुरंत नहीं रोका गया तो याचिका बेकार हो जाएगी। उनकी संक्षिप्त दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटिस जारी किया जाता है, इस बारे में भारत सरकार क्र एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड जवाब देंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रभावित इलाके में अगले 10 दिनों तक यथास्थिति बनाए रखा जाए। साथ ही पीठ ने इस याचिका को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।
Krishna Janmabhoomi Trust plea in Supreme Court, seeking a Gyanvapi complex-like scientific survey of the historic Shahi Idgah mosque premises in Mathura. #KrishnaJanmabhoomi #SupremeCourt #ScientificSurvey
— Republic (@republic) August 16, 2023
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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एडिशनल एफिडेविट दायर करने की अनुमति भी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी इशारा किया कि अंत में इस मामले को सुलझाने के लिए स्थानीय अदालतों को कहाँ जाएगा, जहाँ इन लोगों के संपत्ति विवाद के मामले लंबित हैं। 9 अगस्त को मथुरा की ‘नई बस्ती’ में ये डेमोलिशन ड्राइव शुरू हुआ था। रेलवे द्वारा इसे अवैध अतिक्रमण करार दिया गया था। मथुरा से वृन्दावन तक 21 किलोमीटर की छोटी रेल लाइन को बड़ी लाइन बनाया जाना है, ताकि ‘वन्दे भारत एक्सप्रेस’ जैसी ट्रेनों का परिचालन हो सके।
लेकिन, वहाँ के निवासी हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने अपने सामान को हटाने और खुद हटने के लिए 3 दिन का समय भी दिया गया था। उन्होंने अदालत का रुख किया। हालाँकि, उत्तर प्रदेश में एक वकील की हत्या के कारण सारे वकील हड़ताल पर थे, इसलिए सुनवाई नहीं हो सकी। अंततः वहाँ के निवासी याकूब शाह ने याचिका दायर की। तुरंत सुनवाई की माँग पर मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने इस याचिका को 16 अगस्त को लिस्ट करने का आदेश दिया।