JNU वालों ने एक बार फिर साबित किया कि उन्हें अर्बन नक्सली, माओवादी, गद्दार, देश के दुश्मन, एंटी-नेशनल जैसे खिताबों से क्यों नवाज़ा जाता है। अपने ही शिक्षकों का अपहरण, दिल्ली की सड़कों को जाम करने के बाद अब उन्होंने अपने परिसर में लगी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को अपना निशाना बनाया है।
JNU में नई स्थापित हुई स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को बदरंग करते हुए उसके पेडेस्टल पर माओवंशियों ने अपशब्द लिखे हैं। “भगवा जलेगा”, “Fu&^% BJP” आदि को लाल रंग के पेंट से लिखकर पेडेस्टल को कुरूप बना दिया है। इसकी तस्वीर वैज्ञानिक, लेखक और JNU में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफ़ेसर आनंद रंगनाथन ने ट्विटर पर शेयर की हैं।
Painful beyond measure. The soon to be inaugurated statue of Swami Vivekananda vandalised in JNU. Vile. Just vile.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 14, 2019
Where will this end? pic.twitter.com/ZICS2YNAKc
रंगनाथन ने जो तस्वीर शेयर की है, उस प्रतिमा के बारे में उन्होंने बताया कि इसका तो अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ था। उसके पहले ही अर्बन नक्सलियों ने इसे अपनी अंधी नफ़रत का शिकार बना दिया।
रंगनाथन के इस पोस्ट के बाद से ट्विटर पर लोग बिफर उठे हैं। उनकी पोस्ट को रीट्वीट कर व उनके कमेंट बॉक्स में लोग कम्युनिस्टों को कोस रहे हैं, JNU को बंद करने की माँग कर रहे हैं। एक यूज़र ने कहा कि भाजपा इन गुंडों के साथ कुछ ज़्यादा ही नरमी से पेश आ रही है। इस यूजर के मुताबिक, “इनसे निपटने का इंदिरा गाँधी का ही तरीका सही था, जिन्होंने JNU को एक साल के लिए बंद कर दिया और कथित तौर पर डी राजा (वर्तमान भाकपा नेता) को वंदे मातरम गा कर सुनाने के लिए मजबूर कर दिया था।” इस यूजर की जानकारी कितनी सही है, ऑपइंडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है।
BJP is too lenient on these thugs, they should learn hard tactics from Indira Gandhi who closed the JNU for 1 year and ordered d Raja to recite vande matram.
— Don Corleone (@Saffron_Archer1) November 14, 2019
एक अन्य ने कहा कि वोटों की चिंता किए बिना सरकार को ऐसे लूजर्स को जेल में फेंक देना चाहिए। अगर उनकी खुद की 18 साल की बेटी ऐसी हरकत करती, तो उसे भी वे निकाल बाहर करते। इन लफंगों को एक बार में सीधा करने का समय आ गया है।
Put the losers behind bars and trust me don’t require to worry about millennial votes cause if my 18 year old daughter did something like this she would be shown the door. Time to discipline these hooligans once and for all
— jeet36 (@jeet362) November 14, 2019
इस यूज़र की भाषा से तो सहमत नहीं हुआ जा सकता लेकिन इनके सेंटीमेंट गलत नहीं हैं। कई सुरक्षा एजेंसियाँ कई बार अर्बन नक्सलियों को जिहादियों से अधिक खतरनाक बता कर सरकार को आगाह कर चुकीं हैं।
मशहूर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट साई दीपक ने भी इस हरकत पर व्यथा जताते हुए सरकार और JNU प्रशासन से पूछा कि वे यह गुंडागर्दी कब तक बर्दाश्त करेंगे।
Swami Vivekananda’s statue vandalised in JNU. How much more will the administration and the Government tolerate? https://t.co/M9Ftq7D61p
— Sai Deepak J (@jsaideepak) November 14, 2019