तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना साद शुक्रवार (12 जून 2020) को सार्वजनिक तौर पर दिखा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उसने दिल्ली के जाकिर नगर की एक मस्जिद में नमाज अदा की। इस दौरान उसके साथ 20 लोग थे। इनमें एक बच्चा भी था।
तबलीगी जमात के निजामुद्दीन स्थित मरकज में लॉकडाउन के बावजूद लोगों को जमा रखने का मामला सामने आने के बाद मौलाना साद फरार चल रहा है। मार्च में मरकज कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था।
बताया जाता है कि मौलाना साद दोपहर के वक्त मस्जिद पहुॅंचा था। कुछ देर वहॉं रुकने के बाद चला गया। वह दिल्ली पुलिस की जॉंच से बचता फिर रहा है। अब तक पुलिस को अपनी कोरोना जॉंच की रिपोर्ट भी उसने नहीं सौंपी है।
क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए मौलाना साद समेत 7 लोगों को नोटिस भेजा था। उस समय मौलाना साद खुद को क्वारंटाइन करने की आड़ में गायब हो गया और जब पुलिस ने छानबीन शुरू की तब भी वह निकलकर सामने नहीं आया। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए साद अलग-अलग जगह छुपता रहा।
मौलाना साद का एक ऑडियो भी सामने आया था, जिसमें वह कह रहा था कि ये ख्याल बेकार है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी, मैं कहता हूँ कि अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती।
वायरल ऑडियो में साद आगे कहता है कि अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं, भागने लगते हैं। साद आगे कहते हैं कि अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए ही लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है। साद आगे कहते हैं कि कोई कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, ताले लगा देना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी बढ़ेगी तो आप इस खयाल को दिल से निकाल दो।
आए दिन मौलाना साद को लेकर हो रहे खुलासे की वजह से ईडी, आईटी और सीबीआई सभी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मरकज के जुड़ी सभी जनकरियों को इनसे साझा किया है। जिसमें हवाला कनेक्शन, विदेश से आने वाले रुपयों, मरकज पर मनी लॉड्रिंग जैसे मामले अहम है।
क्राइम ब्रांच ने तबलीगी मकरज जमात के बैंक ऑफ इंडिया के उस खाते के बारे में जानकारी हासिल की है, जिसमें पैसे आने के 24-28 घंटे के भीतर करोड़ों रुपए गायब कर दिए जाते थे। ये पैसे ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे के भीतर अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।
क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के 5 करीबियों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे। इन पाँचों लोगों पर पहले से इस मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज था। कहा जाता है कि मरकज से जुड़े हर फैसले इनसे पूछकर लिए जाते थे। ऐसे में पासपोर्ट जब्त होने के बाद अब इनमें से कोई भी मामले की जाँच पूरी होने तक देश के बाहर नहीं जा सकता है।