Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजरात को निकाह, सुबह तलाक़: पुराने कपड़े और हल्के ज़ेवर देने पर 150 बारातियों...

रात को निकाह, सुबह तलाक़: पुराने कपड़े और हल्के ज़ेवर देने पर 150 बारातियों को बनाया बंधक

दुल्हन को आशंका थी कि ससुराल में उसके साथ बदसलूकी की जा सकती है। विधायक पत्रलेख ने इस बारे में कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज के लिए सही नहीं है। उन्होंने तलाक़ को ग़लतफ़हमी का परिणाम बताया।

झारखण्ड के देवघर में निकाह के महज़ 10 घंटों बाद तलाक़ देने का मामला समाने आया है। यह घटना सारठ क्षेत्र के पिंडारी गाँव की है। तलाक़ का कारण जान कर आप भी चौंक जाएँगे। यह तलाक़ इसलिए हुआ क्योंकि वर पक्ष की तरफ़ से दुल्हन को पुराने कपड़े देने के बाद विवाद हुआ। मुस्लिम समाज में परम्परा के अनुसार, शादी में दुल्हन को शगुन के तौर पर नक़ाब, लहँगा और सलवार-सूट दिए जाते हैं। वर पक्ष के लोगों ने इस दौरान पुराने कपड़े भेंट में दिए। इसके बाद कन्या पक्ष लोग नाराज़ हो गए और उन लोगों में चर्चा होने लगी कि निकाह में ही जब पुराने कपड़े दिए जा रहे हैं तो निकाह के बाद अल्लाह ही जाने की कैसा व्यवहार दिया जाएगा?

इसके बाद नाराज़ कन्या पक्ष वालों ने नए कपड़े लेने की ज़िद ठान दी। वर पक्ष का कहना था कि नए कपड़े ख़रीदे गए थे लेकिन सब घर पर छूट गए हैं। बवाल बढ़ने पर सभी बारातियों को बंधक बना लिया गया। विवाद इतना बढ़ गया कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख और मुखिया अब्दुल मियाँ को वहाँ पहुँच कर हस्तक्षेप करना पड़ा। दरअसल, सोनारायठाढ़ी के मोहनपुर गाँव के खुर्शीद मियाँ के बेटे आरिफ़ अंसारी का फ़ातेमा से 18 जून को निकाह तय हुआ था। इसके लिए लड़की पक्ष वालों ने दहेज के तौर पर 1.72 लाख रुपए नक़द और एक लाख रुपए का सामान दिया था।

लेकिन उसके बाद कपड़ों के लिए विवाद हुआ। परिणाम यह हुआ कि ग्रामीणों की मौजूदगी में ही निकाह के 10 घंटे भी नहीं बीते थे कि तलाक़ भी हो गया। आरिफ़ अपने गाँव में किराना की दुकान चलाता है। वे सभी मंगलवार (जून 18, 2019) को 150 बारातियों के साथ कन्या पक्ष के यहाँ पहुँचे थे। कन्या पक्ष का यह भी कहना था कि ज़ेवर काफ़ी हल्के हैं। दुल्हन को आशंका थी कि ससुराल में उसके साथ बदसलूकी की जा सकती है। विधायक पत्रलेख ने इस बारे में कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज के लिए सही नहीं है। उन्होंने तलाक़ को ग़लतफ़हमी का परिणाम बताया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -