Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजसूअरों की बलि से प्रदूषण, मानसिक शांति भंग... प्रतिबंध लगे: कट्टू नायक्कर समुदाय के...

सूअरों की बलि से प्रदूषण, मानसिक शांति भंग… प्रतिबंध लगे: कट्टू नायक्कर समुदाय के हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ मुस्लिम

"सार्वजनिक रूप से जानवरों के कत्ल करने से वातावरण प्रदूषित होता है, मानसिक शांति भंग होती है।" - स्थानीय मुस्लिमों ने कट्टू नायककर समुदाय के हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत की है, सूअरों की बलि पर रोक की माँग की है।

डीएमके के सत्ता में आने के बाद से तमिलनाडु में हिंदुओं को अपने त्यौहार, रीति-रिवाजों को निभाने के अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है। ताजा घटना पुदुकोट्टई जिले की है। बताया जा रहा है कि तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले में मुस्लिमों ने हिंदुओं द्वारा सूअरों की बलि देने की परंपरा का कड़ा विरोध जताते हुए इस पर रोक लगाने की माँग की है।

हिंदू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना एक बड़े विवाद को जन्म दे सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले के अरंथंगी शहर के मुस्लिमों ने हिंदुओं को अपने अनुष्ठानों में सूअरों को मारने को अपराध बताया है। उन्होंने हिंदुओं को इस तरह के अनुष्ठान करने से रोकने के लिए जिला प्रशासन से शिकायत भी दर्ज कराई है।

कथित तौर पर, कट्टू नायक्कर समुदाय मदुरै वीरन स्वामी की पूजा के रूप में सूअरों की बलि देता है, जो कि उनके कुल देवता हैं। वे आमतौर पर नगर कार्यालय और अरंथंगी में आँगनवाड़ी के पास सूअरों की बलि देते हैं।

हालाँकि, क्षेत्र के स्थानीय मुस्लिमों ने हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ आपत्ति जताते हुए कहा है कि सार्वजनिक रूप से जानवरों के कत्ल करने से वातावरण प्रदूषित होता है और उनकी मानसिक शांति भी भंग होती है। मुहिदीन अंदावर जमात (Muhideen Andavar Jamat) के प्रमुख ने स्थानीय अधिकारियों से सूअरों के वध पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है।

इस इलाके के मुस्लिम हिंदुओं द्वारा सूअरों की बलि देने के विरोध में हैं, इसलिए यहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। स्थानीय पुलिस और राजस्व मंडल अधिकारी ने इस मामले को सुलझाने के लिए शांति बैठक की। हालाँकि, शांति बैठक को लेकर आरडीओ (RDO) की ओर से भेजा गया नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है , जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हो गया।

सोशल मीडिया यूजर्स ने मुस्लिमों की इस कट्टरता को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अपने त्यौहारों के दौरान सड़कों पर लाखों बेजुबान जानवरों का कत्ल करते हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं, अगर हिंदू इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, तो वे इसका विरोध करते हैं। दरअसल, बकरीद अभी एक हफ्ते पहले ही मनाई गई थी, तब मुस्लिमों ने लाखों जानवरों की कुर्बानी दी थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -