तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में सत्ताधारी डीएमके के एक मंत्री के स्वागत के लिए झंडा लगा रहे 13 साल के बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (20 अगस्त 2021) को मंत्री पोनमुडी एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आने वाले थे। उन्हीं के स्वागत के लिए मंडप बुक किया गया था। यहीं पर पोस्टर-बैनर लगाने में पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद कर रहे बच्चे को करंट लग गया।
मंत्री का स्वागत करने के लिए 10 से भी अधिक लोग पोस्टर-बैनर लगाने का काम कर रहे थे। इन्हीं की मदद 13 साल का दिनेश कर रहा था। इस दौरान वह हाईटेंशन तार के संपर्क में आ गया। करंट लगने के बाद दिनेश को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक दिनेश पुंधोत्तम सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र था और लॉकडाउन के कारण घर पर ही था।
इस दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर करंट लगने के कारण हुई मौत का हवाला देते हुए मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर दिया है। हालाँकि, केस दर्ज करने के बावजूद अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। बच्चे की मौत के बाद भी उसी शाम को तय कार्यक्रम के अनुसार शादी हुई और मंत्री पोनमुडी अतिथि के रूप में शामिल भी हुए।
बैनर संस्कृति खत्म करने का था वादा
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में द्रविण मुनेत्र कडगम (DMK) नेतृत्व ने कहा है कि उन्होंने कटआउट और झंडे लगाने पर रोक लगा दी है। लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता लगातार इसे करते रहते हैं। खास बात यह है डीएमके के लोगों ने झंडे या पोस्ट लगाने के लिए न तो पुलिस और न ही नगर निगम की अनुमति ली। सवाल यह भी है कि एक बच्चे को इस काम पर कैसे लगाया गया।
इससे पहले वर्ष 2019 में आर सुभाश्री नाम की 23 वर्षीय इंजीनियर अपनी स्कूटी से ऑफिस जा रही थीं। उसी दौरान एआईडीएमके के कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध रूप से लगाई जा रही होर्डिंग उनके ऊपर गिर गई, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उस घटना के बाद डीएमके ने सत्ता में आने पर बैनर-संस्कृति को खत्म करने का वादा किया था।