देश में एक के बाद एक कई सारी बादल फटने की घटनाएँ सामने आने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने बड़ा अटपटा बयान दिया है। उन्होंने गोदावरी बेसिन में 36 साल बाद आई भयंकर बाढ़ का दौरा करने के बाद इन प्राकृतिक आपदाओं को ‘विदेशी साजिश’ बताया है।
लगातार बादल फटने की घटनाओं पर बोलते हुए तेलंगाना सीएम ने कहा, “देश के कुछ हिस्सों में बादल फटने के पीछे दूसरे देशों की साजिश हो सकती है। हमें नहीं पता कि इसमें कितनी सच्चाई है। पहले लेह, फिर उत्तराखंड में बादल फटे थे और अब गोदावरी के पास से ऐसी खबरें आ रही हैं।”
Telangana CM KCR said, “there may be a conspiracy by other countries behind cloudbursts in some parts of our country, we don’t know how much truth there is to it. It was earlier done in Leh, then Uttarakhand & now reports are from near Godavari (in Andhra Pradesh).” pic.twitter.com/dGfHlPYA6T
— ANI (@ANI) July 17, 2022
अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी लेने के बाद केसीआर ने कहा, “मौजूदा स्थिति लगातार हो रही बारिश का नतीजा है। मौसम विभाग और कुछ प्राइवेट अनुमान लगाने वालों के मुताबिक यह स्थिति (भारी बारिश) 29 जुलाई तक जारी रह सकती है। इसलिए खतरा अभी टला नहीं है।”
केसीआर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राहत कैंप से लोगों को वापस न भेजें। उनका ख्याल रखना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता के रूप में 10,000 रुपए देने की घोषणा की।
केसीआर के बादल फटने वाले बयान को बीजेपी ने ‘सदी का सबसे बड़ा मजाक’ बताया है। तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष और करीमनगर से सांसद बंदी संजय कुमार ने कहा कि अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए केसीआर ड्रामा कर रहे हैं। तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने आगे केसीआर पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम लोगों का ध्यान कालेश्वरम परियोजना के ‘डूबने’ से हटाने की कोशिश कर रहे हैं और एक विदेशी साजिश की बात कह रहे हैं।
उन्होंने कहा, “गोदावरी में बाढ़ कोई नई बात नहीं है। यह पहले भी हुआ है और भविष्य में भी होगा, लेकिन इसे जानबूझकर विदेशी और मानवीय हाथ के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना हास्यास्पद है और सरकार की विफलताओं को कवर करने के लिए उनका एक और ड्रामा है।”
बीजेपी सांसद ने कहा कि केसीआर खुद एक ‘साजिशकर्ता’ हैं, जो खुद के ‘इंजीनियरिंग एक्सपर्ट’ होने का दावा करते हैं, लेकिन कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना की बाढ़ और जल निकायों के बाँधों के बह जाने से उनके दावे का खोखलापन उजागर हो गया।
करीमनगर के सांसद ने बाढ़ को रोकने के लिए टीआरएस सरकार के उपायों पर सवाल उठाया और प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को लोगों को प्रभावितों के राहत और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक परिवार को ₹10,000 का मुआवजा अपर्याप्त है।”
संजय कुमार ने कहा कि सभी को उम्मीद थी कि सीएम बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए एक पूर्ण वित्तीय पैकेज की घोषणा करेंगे, जिसमें कृषि और संपत्ति के कुल नुकसान का विवरण दिया जाएगा, लेकिन उनकी यात्रा खोखली निकली। उन्होंने पिछले आठ वर्षों में गोदावरी में बाँध को मजबूत करने के बारे में कुछ भी नहीं सोचा।
वहीं तेलंगाना प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पार्टी के सांसद एक रेवती ने भी तंज कसते हुए कहा कि अगर केसीआर के पास बादल फटने के पीछे विदेशी साजिश की सूचना है तो उसे इंटेलिजेंस ब्यूरो, रॉ और केंद्र सरकार को देनी चाहिए। यह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है।
तेलंगाना के कई इलाकों में पानी का प्रकोप
गौरतलब है कि करीब एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश से तेलंगाना के कई इलाकों में पानी भर गया है। मंदिरों के शहर भद्राचलम में जल स्तर 70 फीट तक पहुँच गया था, जो तीसरी और अंतिम बाढ़ चेतावनी से काफी ऊपर था। यह 53 फीट पर दी गई थी। अब यह स्तर घटकर 60 फीट पर आ गया है।