तेलंगाना हाई कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामा राव (NTR) की प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी है। प्रतिमा खम्मम शहर के लक्काराम झील में स्थापित की जानी थी। प्रतिमा में एनटीआर को भगवान श्रीकृष्ण की तरह दिखाए जाने को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। आदिभटला, कलापीतम, भारतीय यादव संघम और श्रीकृष्ण जेएसी की ओर से याचिका दायर कर अदालत से प्रतिमा की स्थापना पर रोक की माँग की गई थी।
अभिनेता से नेता बने एनटी रामा राव की मूर्ति तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका की मदद से एनटी रामा राव विग्रह एरपातु समिति द्वारा बनवाई गई है। लक्काराम झील के बीच इसकी स्थापना की इजाजत मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने भी दे दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील चालकानी वेंकट यादव ने अनुमति पर सवाल उठाते हुए इसे कानून का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रधान सचिव (I & CAD विभाग) द्वारा प्रतिमा निर्माण की अनुमति वाला मेमो जारी किया गया जो कि उनके अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है।
यादव ने आगे कहा कि प्रमुख सचिव के मेमो ने सुप्रीम कोर्ट के 2013 में जारी आदेश और 2016 में जारी सर्कुलर की भी अवहेलना की है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियों के निर्माण की इजाजत का फैसला जिला कलेक्टर की देखरेख में मूर्ति समिति द्वारा लिया जाता है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने प्रतिमा के भगवान श्रीकृष्ण जैसे दिखने पर भी सवाल उठाया।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि इससे उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि एनटीआर एक अच्छे कलाकार थे और सभी उन्हें बहुत पसंद करते हैं। हम चाहते हैं कि उनकी प्रतिमा भगवान की तरह नहीं, बल्कि अभिनेता की तरह ही नजर आए।
दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई तक प्रतिमा स्थापित करने पर रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार से इस पर जवाब माँगा है। मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होगी। बता दें 28 मई 2023 को एनटीआर का जन्म शताब्दी समारोह है।