पिछले दिनों तेलंगाना के वारंगल स्थित एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कुछ लोग मंदिर में ईसाई प्रार्थना (Christian prayer) करते दिखे थे। अब इस मामले में पादरी गंधम अरुण कुमार और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मंदिर परिसर में माँसाहारी खाना परोसने का भी आरोप है। वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने इसे देवी-देवताओं का अपमान बताते हुए सख्त कार्रवाई की माँग की थी।
एक नॉन प्रॉफिट एक्टिविस्ट ग्रुप ‘लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम’ की तरफ से ट्विटर पर इस घटना को लेकर जानकारी साझा की गई है। बताया गया है कि मंदिर में क्रिश्चियन प्रेयर का वीडियो वायरल होने के बाद सब इंस्पेक्टर डी.सांबैया की शिकायत पर पादरी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना में शामिल पादरी अरुण कुमार और उनके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-A, 153A, 153B, 504, 505 r/w 34 के तहत केस दर्ज हुआ है।
जिस मंदिर का वीडियो वायरल हुआ था, वह वारंगल किले में है। काकतीय राजवंश ने इसका निर्माण करवाया था। यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। तेलंगाना बंदोबस्ती विभाग (Telangana Endowments Department) इसकी देखरेख करता है। वीडियो वायरल होने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने पादरी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हुए प्रदर्शन किया था। इसे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताया था।
Following a complaint lodged by the Sub Inspector Sri D. Sambaiah (P.S. Mills Colony), an FIR has been registered u/s 295-A, 153a, 153b, 504, 505 r/w 34 of IPC against the Pastor Mr. Gandham Arun Kumar and others for conducting Christian prayers in Hindu Mandir. https://t.co/Rl7mgKBAe1
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) April 11, 2023
हिंदू संगठन के लोगों ने डीसीपी श्रीकांत राव और एसीबी रामाला सुनीता से मामले की शिकायत की थी। मीडिया से बात करते हुए संगठन के लोगों ने पूछा कि आखिर दूसरे पंथ के लोगों ने ऐतिहासिक मंदिर परिसर में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कैसे किया? संगठन के नेताओं ने जानकारी दी कि मंदिर में भगवान राम के पद चिन्ह (पाद मुद्रा) और शंकु चक्र देखे जा सकते हैं। यहाँ धूम-धाम से शिवरात्रि मनाया जाता है। ऐसे में ईसाई सभा, प्रार्थना और माँसाहारी खाना परोसा जाना धार्मिक अशांति फैलाने वाला कदम है। हिंदू संगठनों की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।