मीडिया में सूत्रों के हवाले से दी जा रही खबर के अनुसार, घटना तब हुई जब बदरीकोप्पलु गाँव के युवक कस्बे में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस जैसे ही एक दरगाह/मस्जिद(रिपोर्टों में कहीं दरगाह बताया जा रहा है कहीं पर मस्जिद) के पास पहुँचकर सड़क पार करने वाला था, तभी मैसूर रोड पर जुलूस निकालने को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। इस विवाद को देखते हुए उपद्रवियों ने जुलूस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके अलावा लोगों को हथियार भी दिखाए गए।
कर्नाटक के मांड्या में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव के बाद हिंसा#ganpativisarjan #clash #karnataka #mandya pic.twitter.com/EBIR0K038i
— News18 India (@News18India) September 12, 2024
पुलिस ने घटना की सूचना होते ही भीड़ को इधर-उधर किया। हालाँकि विसर्जन के बीच भड़की इस तरह की हिंसा को देखते हुए जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस थाने के सामने गणेश मूर्ति रख दी और न्याय की माँग करने लगे। इस बीच कुछ जगह दुकानों को जलाने और टायर फूँककर आक्रोश दिखाने भी खबरें मीडिया में आई हैं।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बालडंडी ने बताया- मस्जिद के सामने जुलूस के पहुँचने के बाद बहस हुई। पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया। जरूरत पड़ने पर लाठीचार्ज की। कुछ लोग थाने के सामने आ गए और विरोध करने लगे। सड़क पर खड़ी 4-5 बाइकों में आग भी लगाई गई। अब स्थिति नियंत्रण में हैं। इलाके में दमकल गाड़ियाँ और पुलिसकर्मी तैनात हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस हिंसा के लिए कॉन्ग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस राज्य में एक समुदाय के तुष्टिकरण के कारण ये सब हुआ। उन्होंने इस घटना को शांति और व्यवस्था के विरुद्ध हुई घटना बताया।
ಮಂಡ್ಯ ಜಿಲ್ಲೆ ನಾಗಮಂಗಲದಲ್ಲಿ ಗಣೇಶ ವಿಸರ್ಜನೆ ವೇಳೆ ನಡೆದಿರುವ ಘಟನೆಯನ್ನು ನಾನು ಉಗ್ರವಾಗಿ ಖಂಡಿಸುತ್ತೇನೆ. ಗಣಪತಿ ದೇವರ ಮೆರವಣಿಗೆಯಲ್ಲಿ ಶಾಂತಿಯುತವಾಗಿ ತೆರಳುತ್ತಿದ್ದ ಭಕ್ತರನ್ನು ಗುರಿ ಮಾಡಿ ಒಂದು ಸಮುದಾಯದ ಪುಂಡರು ಉದ್ದೇಶಪೂರ್ವಕವಾಗಿಯೇ ದಾಂಧಲೆ ಎಬ್ಬಿಸಿ ಸಾರ್ವಜನಿಕರು-ಪೊಲೀಸರ ಮೇಲೆ ಕಲ್ಲು, ಚಪ್ಪಲಿ ಎಸೆದು ಪೆಟ್ರೋಲ್ ಬಾಂಬ್…
— ಹೆಚ್.ಡಿ.ಕುಮಾರಸ್ವಾಮಿ | H.D.Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) September 11, 2024
उन्होंने कहा कि जब गणपति विसर्जन के समय लोग आराम से जुलूस निकाल रहे थे तो पत्थर और चप्पल पहनने की जरूरत क्या थी। क्या जरूरत थी पेट्रोल बम फोड़ने की, तलवार दिखाने की। वहीं भाजपा नेता सीटी रवि ने इस मामले को पत्थर आतंकवाद का नाम दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का इलाज को सिर्फ यूपी सरकार वाले अंदाज में होना चाहिए।
बता दें कि कर्नाटक के मांड्या से पहले भी गणपति विसर्जन के दौरान हिंसा की घटनाएँ घटी। गुजरात के सूरत में भी पंडाल पर मुस्लिम नाबालिगों ने पथराव किया था। इसके अलावा लखनऊ में भी इस्लामी भीड़ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए पंडाल पर अटैक किया था। वहीं वडोदरा में भी गणेश पंडाल का विरोध करते हुए मुस्लिमों ने अपने घर के बाहर अरबी झंडे लगा लिए थे। इसके अलावा कच्छ में भी भगवान गणेश की प्रतिमा पर हमला हुआ था। वहीं भरूच में भी गणेश चतुर्थी के मौके पर मजहबी झंडे लगाने को लेकर बवाल हुआ था।