महाराष्ट्र के ठाणे में साहेब लाल वजीर शेख उर्फ यूसुफ बाबा नाम का व्यक्ति गरीब महिलाओं-लड़कियों को जल्दी अमीर बनाने का सपना दिखाता था। उसे वो अपनी जाल में फंसाकर काले जादू के बहाने कपड़े उतरवाता था, फिर शैतान को खुशामद करने के नाम पर उनके साथ संबंध बनाता था और इन सबका वीडियो बनाकर वो पीड़ित महिलाओं-लड़कियों से ‘धंधा’ करवाता था। अब पुलिस ने वजीर शेख उर्फ यूसुफ बाबा के साथ ही उसके दो चेलों असलम खान और सलीम शेख को भी गिरफ्तार किया है। पहले चेले ही पकड़े गए थे, फिर पुख्ता सबूतों को जुटाने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है।
ये मामला महाराष्ट्र के ठाणे का है, जहाँ के राबोडी से 15 साल की लड़की के लापता होने के बाद पुलिस ने जाँच शुरू की, तो काले जादू की आड़ में सेक्स रैकेट चलाए जाने के मामले का भंडाफोड़ हुआ। एक जाँच अधिकारी ने बताा कि यूसुफ बाबा और उसके सहयोगियों ने काले जादू के माध्यम से अमीर बनाने का सपना दिखाकर गरीब महिलाओं और लड़कियों को अपने पास बुलाया। उन्होंने शैतान को खुश करने का झाँसा देकर उनके साथ संबंध बनाए और इसका वीडियो बना लिया। फिर उन्होंने ब्लैकमेलिंग कर उन महिलाओं को सेक्स रैकेट में ढकेल दिया। पुलिस को आरोपितों के मोबाइल फोन से बहुत सारे सबूत मिले हैं।
इस मामले में पहले असलम खान और सलीम शेख को 25 फरवरी को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके साथ ही गिरोह में शामिल 2 महिलाओं समेत 4 अन्य लोगों को भी पकड़ा गया था, जिसमें कुछ दलाल भी हैं। आखिर में पुलिस ने साहेब लाल वजीर शेख उर्फ यूसुफ बाबा को पकड़ा, जो इनका सरगना है।
ठाणे क्राइम ब्रांच-1 के इंस्पेक्टर कृष्णा कोकनी ने कहा, “हमारा मानना है कि इस गिरोह ने, जिसमें दो महिलाएँ भी शामिल हैं, कम से कम 17 लोगों को जाल में फंसाया। सात गिरफ्तारियाँ ठाणे, पालघर के वसई और मुंबई से की गईं।” उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत अपहरण, बलात्कार, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों में राबोडी थाने में मामला दर्ज किया गया है और इस रैकेट की जांच जारी है। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और महाराष्ट्र मानव बलि एवं अन्य अमानवीय व अघोरी प्रथाओं और काला जादू रोकथाम एवं उन्मूलन अधिनियम 2013 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
आरोपित मुस्लिम, लेकिन तांत्रिक बताकर सनातन को बदनाम कर रहे न्यूज चैनल?
इस पूरे गिरोह का मुखिया वजीर शेख उर्फ यूसुफ बाबा है, तो उसके चेलों के नाम असलम खान और सलीम शेख हैं। ये लोग काले जादू के नाम पर महिलाओं को अपनी जाल में फंसाते थे। हालाँकि पूरा का पूरा मीडिया इन्हें तांत्रिक बताने में अपनी पूरी ताकत खर्च कर रहा है, जबकि बयान में साफ दर्ज है कि ये लोग शैतान और काले जादू के नाम पर महिलाओं को फाँसते थे और फिर उनसे धंधा कराते थे।
ऐसे लोगों की रिपोर्ट करते समय मीडिया को अपनी शब्दावली पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ये लोग ‘मुस्लिम पीर’, ‘मुस्लिम फकीर’, ‘सूफी पीर’, ‘सूफी फकीर’ तो हो सकते हैं, तांत्रिक कतई नहीं। इसके बावजूद यूसुफ बाबा जैसे अपराधारियों को तांत्रिक लिखने से गलत संदेश फैलाया जा रहा है। ये जान-बूझकर किया जा रहा है या अनजाने में, इस पर विचार स्वयं समाचार लिखने वालों को ही करना चाहिए।