प्रॉपगेंडा वेबसाइट द वायर (The Wire) की संपादक (Editor) सीमा चिश्ती ने 8 फरवरी 2023 को ऑर्गेनाइज़र (Organiser) के संपादक प्रफुल्ल केतकर, फैक्ट चेकर विजय पटेल और ट्विटर (Twitter) को कानूनी नोटिस भेजा। नोटिस में उन्होंने इन लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी माँगने के लिए कहा है। सीमा चिश्ती ने नोटिस में कहा कि उनके लेख और आरोप से उनकी छवि को नुकसान पहुँचा है।
दरअसल, ऑर्गेनाइडर और विजय पटेल ने अपने लेख के जरिए एक ऐसे विदेशी एनजीओ के साथ सीमा चिश्ती का संबंध उजागर किया था, जो कथित तौर पर व्यवसायी गौतम अडानी के खिलाफ हिटजॉब में शामिल था। बता दें कि सीमा चिश्ती कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी की पत्नी हैं।
Here is the notice which is sent by Seema Chisti, Editor of the Propaganda website The Wire and Wife of communist leader Sitaram Yechuri.
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) February 15, 2023
She threatened me to delete my thread in which I have shown that she is working with an NGO which is funded by foreign and few Indian elites. pic.twitter.com/iz7vqMQgXe
द ऑर्गेनाइज़र वेबसाइट पर 04 फरवरी 2023 को ‘डिकोडिंग द हिटजॉब बाइ हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप’ नाम से एक आर्टिकल पब्लिश हुआ। इसमें अडानी समूह को टार्गेट करने को लेकर विस्तृत रूप में बताया गया है। इसके साथ ही लेख में इसके विदेशी लिंक के बारे में भी बताया गया है।
इसके पहले 2 फरवरी 2023 को फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ‘ओनली फैक्ट इंडिया’ के संस्थापक विजय पटेल ने ट्विटर पर एक थ्रेड लिखा था। इस थ्रेड में उन्होंने अडानी विरोधी अभियान में शामिल पत्रकारों और विदेशों से फंड प्राप्त करने वाले एनजीओ के बीच संबंधों को उजागर किया था।
A Super Explosive Thread
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) February 2, 2023
1. Do you know who is behind coordinated and very well-planned attacks against #AdaniGroup?
You need to invest 5 minutes in reading this thread and you will understand who is behind the attack against Adani.#UnmaskingSharpshooters
ऑर्गनाइज़र द्वारा प्रकाशित लेख और विजय पटेल द्वारा साझा किए गए थ्रेड में बताया गया है कि कैसे हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिए अडानी समूह के खिलाफ एक सुनियोजित हमला किया गया। यह दावा किया गया कि देश में नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (NFI) नाम का एक एनजीओ काम करता है।
इस एनजीओ के बारे में कहा गया कि यह कुछ भारतीय और विदेशी लोगों व एनजीओ के चंदे पर चलता है। जिन लोगों द्वारा चंदा दिया जाता है, उनमें बिल गेट्स, अजीम प्रेमजी, जॉर्ज सोरोस, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर, ओमिडयार आदि शामिल हैं।
10. Now Let’s come back to National Foundation for India (NFI) again.
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) February 2, 2023
Seema Chisti is a Media Fellowship adviser at NFI.
She is Editor at The Wire. She Writes for The Caravan and She is the wife of CPI(M) leader Sitaram Yechury! pic.twitter.com/pONvXnxv7P
सीमा चिश्ती के नोटिस पर विजय पटेल ने ट्विटर पर थ्रेड के जरिए एक के बाद एक कई सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, “दिए गए नोटिस में सीमा चिश्ती का दावा है कि उन्हें नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (NFI) से वित्तीय लाभ नहीं मिलता है और वह उनके साथ नि:स्वार्थ भाव से काम कर रही हैं। सीमा चिश्ती के इस दावे को लेकर मेरे मन में कुछ सवाल हैं। मुझे आशा है कि वह उत्तर देंगी।”
उन्होंने कहा, “सीमा ऐसे संगठन के साथ नि:स्वार्थ भाव से काम क्यों कर रही हैं, जिसे विदेशी अभिजात वर्ग (Elites) द्वारा धन प्राप्त होता है? क्या यह आपके पति (सीताराम येचुरी) और मार्क्सवाद की विचारधारा के खिलाफ नहीं है? आप एक ऐसे संगठन के साथ कैसे काम कर सकती हैं, जिसे अमेरिकी एलीट क्लास (फोर्ड फाउंडेशन) ने शुरू किया था?”
विजय पटेल ने आगे पूछा, “मुझे बताएँ कि क्या आपने कभी किसी विदेशी एलीट क्लास के खिलाफ कोई लेख लिखा है, जो फंड देने वालों की सूची में शामिल हैं? आप एक विदेशी वित्तपोषित (Foreign Funded) एनजीओ के साथ फेलोशिप सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं तो क्या आपको उनसे कोई गैर-वित्तीय (Non-Financial) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होता है?”
My fourth Question:
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) February 15, 2023
As a fellowship adviser, you and your team members have chosen fellows and most of them are working for the same propaganda websites with which you are very well connected. Is this just a coincidence? Or you are helping them financial support via a fellowship
विजय पटेल ने यह भी पूछा, “एक फेलोशिप सलाहकार के तौर पर फेलो के लिए आप और आपकी टीम के सदस्यों ने ज्यादातर उन्हीं लोगों को चुना जो आपकी संपर्क वाली वेबसाइटों में काम कर रहे हैं। क्या इसे महज एक संयोग कहा जाएगा या आप फेलोशिप के बहाने उनकी वित्तीय सहायता कर रही हैं?
बता दें कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट देखी गई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में सामूहिक रूप से करीब 47 फीसदी की गिरावट देखी गई। अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्टों को खारिज कर दिया था।