हाल ही में ‘The Wire’ समेत कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा किया था कि दिल्ली के ब्रह्मपुरी में एक पोस्टर चिपकाया गया है, जिस पर हिन्दुओं से अपील की गई है कि वो मुस्लिमों को अपना घर ने बेचें दावा किया गया था कि ये पोस्टर अधिवक्ता प्रदीप शर्मा ने चिपकाया है। इसमें ब्रह्मपुरी स्थित गली संख्या 13 का पता लिखा हुआ है। हालाँकि, जब हमने ग्राउंड पर जाकर तहकीकात की तो कुछ और ही पता चला। प्रदीप शर्मा ने ऐसा कोई भी पोस्टर लगाने से इनकार किया है।
हमने उस शख्स को खोज निकाला, जिनका नाम इस पोस्टर में दिख रहा है। अधिवक्ता प्रदीप शर्मा कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस पोस्टर से उनका कोई संबंध नहीं है और उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। वकील ने कहा कि पोस्टर में जो लिखा है, उसके बारे में उन्हें न तो इसके बारे में कुछ पता है और न ही उनका कुछ लेनादेना है। उन्होंने कहा कि उन्हें फ़िलहाल किसी पर शक नहीं है, लेकिन उन्होंने पुलिस में अज्ञात के विरुद्ध शिकायत दे दी है।
हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ ‘रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA)’ यहाँ बने हुए हैं, जो चाहते हैं कि मुस्लिमों की जनसंख्या न बढ़े और हिन्दुओं का पलायन रुके। लेकिन, उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की अपील करनी भी है तो लोग अपने नाम से करें, उनके नहीं। उन्होंने कहा कि RWA खुद अपने नाम से अपील जारी करे, अगर करना ही है तो। उन्होंने कहा कि किसी का नाम लेकर इस तरह सोशल मीडिया में उसे ट्रॉल करवाना सही नहीं है।
अधिवक्ता प्रदीप शर्मा उस्मानपुरी थाने भी पहुँचे, शिकायत का ज्ञापन लेकर। उन्होंने बताया कि वो अपनी तहरीर देने थाने में आए हैं, ताकि पता लगाया जाए कि किन अज्ञात लोगों ने इस पोस्टर को लगवाया है, जिस कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है और उनके परिवार को धमकी मिल रही है। उन्होंने कहा कि ‘मुस्लिम पार्टियाँ’ (घर खरीदने वाली) इस पोस्टर को देख कर पीछे हट गई हैं, जिस कारण स्थानीय मुस्लिम नेता/प्रॉपर्टी डीलर उन्हें धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने अपने परिवार को खतरा होने की आशंका जताई। वकील का कहना है कि उन्हें खुद इस पोस्टर के बारे में तब पता चला, जब उन्हें सोशल मीडिया के जरिए इसकी तस्वीर भेज कर उन्हें धमकी दी गई। उन्होंने बताया कि डीसीपी के अलावा लोकल थाने को भी उन्होंने शिकायत दी है। ‘The Wire’ के संबंध में उन्होंने कहा कि उनका पहला इंटरव्यू ऑपइंडिया में ही आ रहा है और ‘The Wire’ का तो उन्होंने नाम तक नहीं सुना है।
अधिवक्ता प्रदीप शर्मा ने कहा, “मेरा बयान ‘The Wire’ में कैसे आया, मैं खुद इससे अनभिज्ञ हूँ। उन्होंने किस तरह से मेरे खिलाफ सारी खबर दी है, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। ‘The Wire’ ने जो भी लिखा हो, वो मेरे शब्द ही नहीं हैं। मैंने कोई इंटरव्यू दिया ही नहीं। अलग से कुछ पत्रकारों के इस संबंध में फोन आए थे, जिन्हें मैंने बताया कि इससे मेरा कोई संबंध नहीं। ‘The Wire’ जैसे बिकाऊ चैनल को किसी ने पैसे देकर मेरे विरुद्ध खबर छपवाई है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान लेने ‘The Wire’ से कोई आया ही नहीं, लेकिन उन्होंने मुझ पर नफरत फैलाने का इल्जाम लगाते हुए ये कह दिया कि मैं हिन्दुओं को रोक रहा हूँ कि वो अपने मकान मुस्लिमों को न बेचें। प्रदीप शर्मा का कहना है कि बतौर अधिवक्ता वो क्लाइंट को बचाना अपना फर्ज समझते हैं और कई मुस्लिम आरोपितों को भी उन्होंने बचाया है मुकदमा लड़ के। उन्होंने कहा कि वो पेशे में कभी हिन्दू-मुस्लिम नहीं देखते।
वकील प्रदीप शर्मा जन्म से ही ब्रह्मपुरी में रह रहे हैं और सन् 1962 में उनके पिता ने ये मकान खरीदा था। उन्होंने बताया कि अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए घर बेचने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 (जब दंगे हुए थे) जैसी स्थिति आई तो तब कुछ ही घर मुस्लिमों के थे, आज काफी हैं। उन्होंने बताया कि हिन्दू लगातार यहाँ से पलायन कर रहे हैं और 10-15 हिन्दू परिवार पलायन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी 2020 में मंदिर पर हमला हुआ था, उनके घर के आगे गोलियाँ चली थीं और घर के दरवाजे तोड़ने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने बताया कि 5-6 साल पहले यहाँ मस्जिद बनी थी, जिसके बाद से यहाँ मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ने लगी। अधिवक्ता ने बताया कि ये कभी किसी ब्राह्मण का घर हुआ करता था, जिसे बेचे जाने के बाद मस्जिद बना दी गई। उन्होंने कहा कि इसके लिए कभी मना नहीं किया गया। साथ ही कहा कि नमाज के समय बाहरी मुस्लिम बड़ी संख्या में आते हैं और हर जुमे को 500-700 लोग आते हैं। लाउडस्पीकर से अजान भी होती है।
प्रदीप शर्मा पिछले 2-3 साल से मकान बेचने की कोशिश कर रहे हैं और जो उन्हें सही पैसे देगा उसे बेच देंगे, चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम। असल में उनके घर में एक मंदिर बना हुआ है, जिस कारण घर बेचने में उन्हें तकलीफ हो रही है। उन्होंने अंदेशा जताया कि इसी कारण ये शरारत की गई हो सकती है, क्योंकि हिन्दू तो पलायन कर रहे हैं और घर खरीदने आ रहे हैं, वहीं मुस्लिम मंदिर के कारण घर खरीदने से इनकार कर देते हैं।
उन्होंने अपनी योजना बताते हुए कहा कि वो घर से मंदिर को हटाने के लिए तैयार हैं, ताकि ये बिक जाए। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 30% हिन्दू हैं और 70% मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू ही मुस्लिमों को सुरक्षा करते हैं और जब मुस्लिम घर छोड़ कर गए थे तब कई हिन्दुओं ने उनकी सुरक्षा की – न कोई आगजनी हुई, न हिंसा। उन्होंने कहा कि हिन्दू सहिष्णुता का परिचय देता है और वो कभी भी असहिष्णु नहीं होता है।