27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को कट्टरपंथी इस्लामी भीड़ ने फूँक दिया था। इस ट्रेन के कोच एस-6 में सवार 59 कारसेवकों की इसमें मृत्यु हो गई थी। इसी तरह अब कर्नाटक में एक ट्रेन को आग लगाने की धमकी दी गई। यह ट्रेन भी अयोध्या से आ रही थी और इसमें भी रामभक्त सवार थे।
घटना कर्नाटक के होसपेट की है। अयोध्या से मैसुरु जा रही स्पेशल ट्रेन होपसेट रेलवे स्टेशन पर रुकी हुई थी। कथित तौर पर इसी दौरान ‘अल्पसंख्यक समुदाय’ के युवकों ने ट्रेन को जलाने की धमकी दी। धमकी देने वाले युवकों पर ट्रेन में सवार श्रद्धालुओं से झगड़ा करने के आरोप भी है। बताया जा रहा है कि एक युवक को गिरफ्तार कर अन्य की तलाश की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार (22 फरवरी 2024) की रात स्पेशल ट्रेन अयोध्या से श्रद्धालुओं को लेकर मैसुरु लौट रही थी। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवार थे। जब ट्रेन होसपेट रेलवे स्टेशन पर पहुँची तो अल्पसंख्यक समुदाय के 3-4 युवक ने शयनयान वाले एक डब्बे S2 में चढ़ने की कोशिश की।
इसमें मौजूद श्रद्धालुओं ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे लड़ाई-झगड़ा करने लगे और धमकाने लगे। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि ट्रेन किसी के बाप की नहीं है। इसके बाद इन युवकों ने ट्रेन को जलाने की धमकी दी। इसके बाद श्रद्धालु गुस्से में आ गए और वह स्टेशन पर आकर प्रदर्शन करने लगे।
बताया जा रहा है कि ट्रेन को जलाने की धमकी देने के बाद युवकों को श्रद्धालुओं ने पकड़ लिया। उन्होंने इन्हें स्टेशन पर मौजूद पुलिस को सौंप दिया। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस इन्हें थाने ले गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। कथित तौर पर कुछ देर बाद इन्हें छोड़ दिया गया।
श्रद्धालुओं ने पुलिस के इस रवैए पर नाराजगी जताई और कहा कि युवकों को गिरफ्तार कर FIR दर्ज की जानी चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद सहित अन्य हिंदू संगठनों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए। श्रद्धालुओं को धमकी दिए जाने के कारण ट्रेन एक घंटे स्टेशन पर खड़ी रही।
बताया जा रहा है कि अब इस मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। कर्नाटक के पब्लिक टीवी चैनल ने बताया है कि अयोध्या स्पेशल ट्रेन जलाने की धमकी देने में गिरफ्तार किए जाने वाले युवक का नाम ‘शेख साब’ है। वह रेलवे का कर्मचारी भी बताया जा रहा है। वह रेलवे में ग्रुप सी का कर्मचारी बताया गया है।
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को अयोध्या से कारसेवकों को वापस लेकर आ रही एक ट्रेन को गुजरात के गोधरा में मुस्लिम भीड़ ने जला दिया था। इस घटना में 59 हिंदू श्रद्धालु जीवित जल गए थे। इसमें 27 महिलाएँ और 10 बच्चे भी थे। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे।