आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में माँग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जाँच के लिए विशेष टीम का गठन करे। दूसरी तरफ तिरुपति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा है कि वह श्रद्धालुओं के मन में उठी शंका को शांत करने और मंदिर के शुद्धिकरण के लिए शान्ति हवन का आयोजन करने जा रही है। इसके अलावा TTD ने और भी कई ऐलान किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू सेना के मुखिया सुरजीत सिंह यादव ने एक याचिका डाली है। सुरजीत यादव ने याचिका में कह़ा कि तिरुपति लड्डू में चर्बी और मछली के तेल के बात सामने आने से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को झटका लगा है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट विशेष जाँच टीम (SIT) बनाने का आदेश दे और यह टीम सारे तथ्यों को परखे। याचिका में माँग की गई है हिन्दू भावनाओं को जिन लोगों ने ठेस पहुँचाई है, उन पर जाँच के बाद कड़ी कार्रवाई हो।
शांति हवन का आयोजन
TTD ने रविवार (22 सितम्बर, 2024) को TTD के अधिकारियों ने ऐलान किया कि वह लड्डू विवाद के श्रद्धालुओं के मन में पैदा हुई शंकाओं के समाधान और शुद्धिकरण के लिए शांति हवन करेंगे। इस हवन का आयोजन सोमवार (23 सितम्बर, 2024) को सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच किया गया। इस हवन का आयोजन मंदिर प्रांगण के स्वर्ण कूप के पास हुआ।
TTD ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में घी को लेकर उठाए गए प्रश्नों पर भी जवाब दिए। TTD ने कहा है कि वर्तमान में वह कर्नाटक कि नंदिनी और अल्फा फ़ूड नाम संस्थाओं से घी खरीद रही है। यह घी लैब में जाँच के लिए भेजा गया है और इसके परिणाम सही रहे हैं। TTD ने यह भी कहा है कि वह अब लगातार घी के नमूने NABL की लैब्स में भेजती रहेगी।
तिरुपति में बनने वाले प्रसाद में सही घी इस्तेमाल हो, इसके लिए TTD खुद भी अपनी लैब स्थापित करेगा। अभी उसके पास घी की जाँच के लिए क्षमताएँ नहीं है। TTD ने बताया है कि राष्ट्रीय देरी विकास संस्थान (NDDB) ने उन्हें ₹75 लाख का घी की जाँच करने वाला सामान दान करने का फैसला किया है, यह दिसम्बर तक आएगा।
तिरुपति में अभी एक एक्सपर्ट टीम भी बुलाई गई है, वह भी घी के नमूनों की जाँच कर रही है। TTD हर साल एक आयोजन भी करेगी, इसमें TTD के अधिकारियों और मंदिर से जुड़े लोगों की गलतियों के लिए भगवान विष्णु से क्षमा माँगी जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद के रूप में बाँटे जाने वाले लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के उपयोग की बात कही गई थी। एक लैब से जाँच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बताया कि यह कारनामा पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी सरकार में हुआ।