तीस हज़ारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच शनिवार को हुए हंगामे के दौरान उत्तरी ज़िला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज के साथ हुई बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामले को शांत करने पहुँची महिला IPS अधिकारी को सैकड़ों वकीलों ने घेर लिया था। इसके बावजूद हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने अंत समय तक भीड़ को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन माहौल बिगड़ने लगा तो वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें किसी तरह से सुरक्षित बाहर निकाला।
2 नवंबर को तीस हज़ारी कोर्ट परिसर में जब यह घटना हुई तो उसका वीडियो भी वायरल हो गया। इसके अलावा, गुरुवार (7 नवंबर) को इस घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया है। क़रीब डेढ़ मिनट के इस वीडियो में यह पूरी घटना दिख रही है। इस वीडियो में हंगामे के बाद वहाँ मौजूद गाड़ियों में आग की लपटों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
#WATCH: CCTV footage of DCP North Monika Bhardwaj being roughed up on 2nd November when a clash between police and lawyers took place at Tis Hazari Court, in #Delhi pic.twitter.com/d3sCMWTBl9
— ANI (@ANI) November 7, 2019
दरअसल, इस वीडियो की शुरूआत में महिला अधिकारी अपने स्टाफ़ के साथ लॉकअप की तरफ भागती नज़र आ रही है। तभी लॉकअप के पास ज़ोरदार धमाका होता है और आग की लपटें व धुआँ दिखाई देता है। इसके बाद भीड़ इतनी उग्र हुई कि महिला अधिकारी अपने स्टाफ़ के साथ जान बचाते हुए कोर्ट से बाहर जाने के लिए भागती नज़र आ रही हैं। इसी दौरान उनके साथ बदसलूकी के आरोप वकीलों पर लग रहे हैं।
ख़बर के अनुसार, महिला अधिकारी को बचाने के दौरान एक एसएचओ व कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हालाँकि, हमलावर के बारे में अभी कुछ नहीं पता चल सका है, इसकी जाँच जारी है। इसके अलावा, दो पुलिसकर्मियों का ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एक बता रहा है कि उसने कैसे मैडम (महिला IPS अधिकारी) को बचाया और उसके साथ भीड़ ने मारपीट की। वहीं, एक महिला पुलिसकर्मी की पिस्टल घटना के बाद से ग़ायब है।
इस घटना को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयर पर्सन रेखा शर्मा ने जाँच की माँग की है। इस वायरल हुए वीडियो के सन्दर्भ में दिल्ली पुलिस के एडिशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने बताया कि 2 तारीख को तीस हज़ारी में हुई घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जाँच क्राइम ब्रांच की SIT कर रही है। हंगामें के दौरान जो भी महिला अधिकारी तैनात थीं, उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। महिला अधिकारियों के बयान के अनुसार ही इस मामले में IPC की धाराएँ जोड़ी जाएँगी।