माओवादियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में महाराष्ट्र पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने कुख्यात नक्सली किरण कुमार उर्फ़ किरण दादा को गिरफ़्तार कर लिया है। साथ में उसकी पत्नी अल्लूरी कृष्णा कुमारी उर्फ़ नर्मदाकक्को को भी धर दबोचा गया है। दोनों ही पति-पत्नी लम्बे समय से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय थे और कई नागरिकों व पुलिस बलों की मृत्यु के पीछे इनका हाथ था। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों ही पिछले 20 वर्षों में 150 पुलिस वालों की मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं। इन पर 20 लाख रुपए का इनाम था। इन्हें गिरफ़्तार करने के लिए पुलिस ने एक बड़ा और सुनियोजित ऑपरेशन चलाया।
मुख्य रूप से 1994 से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय यह दम्पति काफ़ी घातक माना जाता था और दोनों को ही गुरिल्ला युद्ध से लेकर अन्य हथकंडों में महारत हासिल है। इन्हें बारूदी सुरंग विष्फोट का भी मास्टरमाइंड कहा जाता है, जिसके कारण न जाने कितने ही पुलिस बल के जवान वीरगति को प्राप्त हुए। 1 मई को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए बम विस्फोट में इसी दम्पति का हाथ था, जिसमें 15 पुलिस कमांडों के अलावा एक नागरिक की भी मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा 9 अप्रैल को छतीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भाजपा विधायक की हत्या में भी इस दम्पति का हाथ था।
#DeadlyMaoistsArrested | Arrested Maoist couple responsible for death of 150 cops in last 20 years.https://t.co/7v3AaODnf3
— TIMES NOW (@TimesNow) June 12, 2019
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 15 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में क्विक रिस्पॉन्स टीम को ले जा रहा वाहन चपेट में आ गया था। इस हमले में निजी बस का ड्राइवर भी मारा गया था। इस घटना को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने 36 वाहनों को आग लगा दी थी, उसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम के कमांडो घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। ये कमांडो नक्सलियों का पीछा करते हुए जंबुखेड़ा गाँव की एक पुलिया पर पहुंचे, जहाँ नक्सलियों ने विस्फोट किया।
ये भी याद दिलाते चलें कि दंतेवाड़ा जिले के कुआंकोडा इलाके में उस वक्त हमला हुआ था, जब भाजपा विधायक भीमा मंडावी का काफिला वहाँ से गुजर रहा था। आईईडी ब्लास्ट करके नक्सलियों ने विधायक के काफिले में शामिल सुरक्षाबलों के एक वाहन को निशाना बनाया था। हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी। वहीं हमले में शामिल एस्कॉर्ट वाहन के ब्लास्ट की चपेट में आने से 1 ड्राइवर और सुरक्षा ड्यूटी में तैनात 3 जवान भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
माओवादी कैडर किरण की पत्नी कृष्णा कुमारी की उम्र 60 वर्ष के करीब है। वह आंध्र प्रदेश स्थित गुडिवाडा से है। उच्च शिक्षा प्राप्त कृष्णा लगभग एक दशक से सीपीआई (माओवादी) के गढ़चिरौली डिवीजन में ऑपरेशन की प्रमुख के तौर पर काम करती आ रही थी। जब उसकी स्वास्थ्य बिगड़ने लगी तो प्रतिबंधित संगठन ने उसे कार्य से मुक्त कर दिया था। वहीं किरण कुमार CPI (माओवादी) के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZI) का सदस्य है। विजयवाड़ा का रहने वाला 57 वर्षीय किरण नक्सली मुखपत्र प्रभात मासिक पत्रिका भी चलाया करता था।