मध्य प्रदेश में रामनवमी (10 अप्रैल 2022) की दिन शोभायात्रा पर हमले और आगजनी की घटना के बाद हिंदुओं के घरों में की गई तोड़फोड़ के मामले में आरोपितों से नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। सरकारी और निजी संपत्तियों में की गई तोड़फोड़ और आगजनी को लेकर भरपाई के नियम तय कर दिए गए हैं। नुकसान हुई संपत्तियों का मूल्यांकन वर्तमान बाजार दर पर तय किया जाएगा।
तय किए गए नियमों के तहत, दंगों के दौरान अगर किसी के घर, दुकान, ऑफिस सहित विभिन्न छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा। इन संपत्तियों में मेटल्स से लेकर टाइल्स तक के नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह अधिकार क्लेम ट्रिब्यूनल को दे दिए गए हैं। सरकार ने खरगोन दंगों के बाद यह निर्णय लिया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित पक्ष के हुए नुकसान की जानकारी के लिए एक ट्रिब्यूनल उनके आवेदन जमा कर रहा है। मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति नुकसान निवारण एवं वसूली नियम 2022 में इस अधिकार को स्पष्ट कर दिया गया है। इसमें आवेदन के आधार पर कई ट्रिब्यूनल बनाए जा सकते हैं। हर ट्रिब्यूनल में कई सदस्य होंगे।
ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद अगर नुकसान पहुँचाने वाला संपत्ति की भरपाई नहीं करता है तो इसकी जवाबदेही जिला अधिकारी (DM) को तय की गई है। हर्जाने की राशि समय पर दिलवाना उसकी जिम्मेवारी होगी। वहीं, सरकारी संपत्ति की के मामले में राजपत्रित अधिकार नुकसान का मूल्यांकन करेगा। ट्रिब्यून के फैसले को 90 दिन के अंदर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
इस नियम के तहत व्यवस्था की गई है कि कोई भी दावेदार चाहे तो ट्रिब्यूनल में अपना दावा खुद पेश कर सकता है अथवा इसके लिए कोई वकील रख सकता है। अगर किसी दावेदार का दावा खारिज किया जाता है तो यह क्लेम कमिश्नर को बताना पड़ेगा कि उसने दावा किस आधार पर खारिज किया है। वहीं, मामले की सुनवाई सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन अगर दोनों पक्ष चाहेंगे को यह बंद कमरे में भी होगी।