तीन तलाक कानून बनने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला नई दिल्ली के जामिया नगर का है। यहाँ नौ साल पहले तीन तलाक देकर अपनी बीवी को छोड़ने वाला शौहर उससे दोबारा निकाह करने के लिए अपने दोस्त को लेकर उसके घर पहुँच गया। आरोपित ने महिला को धमकी दी कि अगर उसने उसके दोस्त के साथ हलाला और उससे दोबारा निकाह नहीं किया तो वह उसे जान से मार डालेगा।
जामिया नगर थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीड़िता ने बताया, आरोपित रियाजुद्दीन खान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का उत्तर प्रदेश में सचिव है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि रियाजुद्दीन ने खुद को तलाकशुदा बताकर जनवरी 2012 में उससे निकाह किया था। उसे बाद में पता चला कि वह तलाकशुदा नहीं है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि वह अपनी पहली बीवी के साथ मिलकर उसे परेशान करता था। इसी बीच महिला ने एक बेटे को भी जन्म दिया। साल 2012 के अंत में आरोपित ने पीड़िता को तीन तलाक दे दिया। महिला ने आगे बताया कि 9 साल बाद 19 अगस्त 2021 की रात वह अपने एक दोस्त के साथ मेरे घर पर आया और कहा कि मैं उसके दोस्त के साथ हलाला करके उससे दोबारा निकाह करूँ। जब मैंने उसे ऐसा करने से मना कर दिया तो उसने मेरे साथ जबरदस्ती की, मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरे साथ मारपीट की। शोर सुनकर पड़ोसी बाहर आने लगे, जिसके बाद दोनों भाग गए।
वहीं, दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, रियाजुद्दीन ने बताया कि वह एक सप्ताह पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका है। रियाजुद्दीन ने बताया उसकी पूर्व बीवी उसका राजनीतिक करियर खराब करने और उससे पैसे वसूलने के लिए उस पर झूठे आरोप लगा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़िता ने बहु विवाह व निकाह हलाला को गैरकानूनी करार देने के लिए 26 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अभी भी सुनवाई चल रही है।