पश्चिम बंगाल में अष्ठधातु और सोने की फर्जी मूर्तियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन सप्लाई करने वाले तस्कर सद्दाम सरदार ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, दक्षिण 24 परगना जिले में जब तस्कर सद्दाम सरदार और उसके भाई सैरुल को पुलिस ने पकड़ा, तो भीड़ ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया और दोनों को छुड़ा लिया। इसके कुछ घंटों पर जब पुलिस टीम फिर से उसे पकड़ने के अभियान में जुटी और उसके घर पर छापा मारने पहुँची, तो उसके घर में 2 महिलाएँ मिली। दोनों महिलाओं ने पुलिस को उलझा कर रखा और सद्दाम सरदार को फरार होने का समय मिल गया।
दरअसल, वो घर में तो घुसा था, लेकिन उसके बाद गायब हो गया। पुलिस टीम ने घर में जब तलाशी ली, तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि वहाँ एक सुरंग मिली, जिसका रास्ता सुंदर बन की तरफ जाता था। वहीं से सद्दाम सरदार फरार होने में सफल रहा। माना जा रहा है कि वो सीमा पार कर बांग्लादेश भाग गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली का बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि कंक्रीट की सुरंग का एक छोर सद्दाम सरदार के घर के एक भूमिगत कमरे में खुलता है, जबकि दूसरा छोर एक नहर से जुड़ा है। पुलिस ने सोमवार (15 जुलाई 2024) को सरदार को उस मामले में गिरफ्तार किया, जिसमें उसने नकली सोने की मूर्ति के जरिए नादिया जिले के एक व्यक्ति से ₹12 लाख की ठगी की थी, हालाँकि भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला करके सरदार को छुड़ा लिया था। बदमाशों ने पुलिस को डराने के लिए कुछ राउंड हवाई फायरिंग भी की थी।
पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद में पुलिस की बड़ी टीम सरदार के घर की तलाशी के लिए गाँव पहुँची, तभी उसके घर में 40 फुट की सुरंग का पता चला। ऐसा माना जा रहा है कि वो इसी रास्ते फरार होकर बांग्लादेश में दाखिल हो गया। पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा। बरुईपुर पुलिस जिले के एक अधिकारी ने कहा, “सद्दाम और उसका भाई सैरुल कई मामलों में आरोपित हैं। पुलिस के उनके घर पर छापा मारे जाने की स्थिति में भागने के लिए ही घर में सुरंग बनाई गई थी।”
पुलिस अधिकारी ने बताया, “वह संभावित खरीदारों को यह कहकर लुभाता था कि उसके पास सोने की छड़ें और मूर्तियाँ हैं जिन्हें वह सस्ते दामों पर बेचना चाहता है। वह उन्हें नकली सोने की वस्तुएँ दिखाता था। जब खरीदार आते थे, तो सद्दाम उन्हें एक सुनसान जगह पर ले जाता था और उस व्यक्ति पर हमला करता था और उसका सारा सामान छीन लेता था।”
पुलिस की पूछताछ में इन महिलाओं ने बताया कि सद्दाम इन मूर्तियों की बिक्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से करता था। इसके लिए विधिवत अखबारों और सोशल मीडिया में विज्ञापन भी देता था। इसमें प्राचीनतम और अष्टधातु की मूर्तियों की बिक्री का दावा करता था, इसके लिए ग्राहकों से मोटी रकम वसूल करता था और उन्हें प्राचीनतम जैसी दिखने वाली नकली मूर्तियाँ भेज देता था।