पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा का दौर अभी थमा नहीं हैं। मंगलवार (अगस्त 3, 2021) को वहाँ फिर दो अलग-अलग जगहों पर दो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के शव मिले हैं। भाजपा ने इन मौतों का इल्जाम भी तृणमूल कॉन्ग्रेस के ऊपर लगाया है। इनमें एक मामला बीरभूम का है और दूसरा मेदिनीपुर का। भाजपा का कहना है कि टीएमसी समर्थित गुंडों ने उनके कार्यकर्ताओं की हत्या की जबकि टीएमसी इन आरोपों से किनारा कर रही है।
बीरभूम जिले के खोइरासोल में मिले भाजपा कार्यकर्ता के शव के बारे में पुलिस ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ता इंद्रजीत सूत्रधार का शव उन्हें एक लंबे समय से खाली पड़ी इमारत के एक कमरे की छत से लटका मिला और उनके हाथ भी दोनों बँधे मिले। पुलिस ने सूत्रधार का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्राथमिक जाँच में यह मामला पूरी तरह से हत्या का लग रहा है। आगे जाँच की जा रही है। मृतक के परिजनों का कहना है कि इंद्रजीत सोमवार रात से गायब थे और उनकी कुछ स्थानीय लोगों से कहासुनी भी थी।
दूसरा शव तपन खटुआ का मिला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी के 45 वर्षीय कार्यकर्ता तपन खटुआ का शव पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा इलाके में स्थित एक तालाब से मिला। बीजेपी और खटुआ के परिवार ने उनकी मौत के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं टीएमसी के स्थानीय नेताओं ने आरोपों को खारिज किया है। टीएमसी के नेताओं ने उलटे बीजेपी पर ही इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर राजनीति का आरोप लगाया है।
टीएमसी बता रही है कि इंद्रजीत सूत्रधार की मौत रंजिश के कारण हुई, जबकि तपन ने सुसाइड की है। दोनों ही मामलों में जाँच चल रही है। लेकिन एक ही दिन में दो अलग-अलग जगहों से एक ही पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत के मामलों ने तनाव बढ़ा दिया है। इससे पहले भी राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के कई मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
हाल में वहाँ काकद्वीप विधानसभा क्षेत्र में माधवनगर के सक्रिय भाजपा पदाधिकारी 36 वर्षीय समरेश पाल 26 जुलाई 2021 को मृत पाए गए थे। भाजपा ने दावा किया था कि पाल की हत्या सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी के गुंडों ने की है। भाजपा ने ट्वीट कर कहा था कि इस घटना से साबित होता है कि राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है।