मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम यूनिवर्सिटी कुछ विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनीस शेख पर छात्र-छात्राओं को धर्मांतरण कर मुस्लिम बनने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है। इन विद्यार्थियों का आरोप है कि प्रोफेसर ने सोशल मीडिया पर छात्र-छात्राओं का एक ग्रुप बनाया है। उसमें मुस्लिम बनने के फायदे बताए गए हैं और नमाज पढ़ने तथा धर्मांतरण की बात कही गई है।
यह मामला यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग का है। विद्यार्थियों का आरोप है कि प्रोफेसर अनीस शेख हिंदू छात्र-छात्राओं को टारगेट करते हैं। उनका आरोप है कि विद्या के मंदिर में धर्म की शिक्षा दी जा रही, नमाज पढ़ने का बोला जा रहा है। इस बात के विरोध में शुक्रवार (21 जून 2024) को लेकर 100 से ज्यादा विद्यार्थियों ने छात्र संगठनों के साथ मिलकर हंगामा किया।
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने दोपहर में होने वाला टेस्ट को रुकवा दिया और विभाग के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया। इसके कारण कई प्रोफेसर और स्टूडेंट विभाग में बंद हो गए। विद्यार्थियों ने प्रोफेसर अनीस शेख को तत्काल प्रभाव से हटाने की माँग की। छात्र संगठन एबीवीपी के महामंत्री आदर्श चौधरी ने बताया कि अनीस शेख केमिस्ट्री में हिन्दू छात्र-छात्राओं को फेल कर रहे हैं।
आदर्श चौधरी ने कहा कि प्रोफेसर अनीस शेख हिन्दू छात्र-छात्राओं का एक सोशल मीडिया ग्रुप भी बनाया है। इस ग्रुप में धर्मांतरण की बात कही गई। हंगामे के बाद कुलपति अखिलेश पांडेय ने आरोपित प्रोफेसर अनीस शेख को 15 दिन के लिए हटाकर जाँच करने का आश्वासन दिया। कुलपति पांडेय ने कहा कि अनीस शेख की तीन साल से शिकायत हो रही थी और उन्हें कई बार समझाया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुलपति अखिलेश पांडेय ने यह भी कहा कि प्रोफेसर अनीस शेख ने ग्रुप बनवाया है, जिसमें लड़कियों से बात करने, उन्हें मैसेज करने की बात भी सामने आई है। इसको लेकर हमने जाँच बैठा दी है। उन्होंने कहा कि साइबर सेल से शिकायत कर उनसे भी जाँच करवाई जाएगी। विद्यार्थियों ने हिंदू लड़कियों को परेशान करने की बात भी कही है।
विभाग के चौथे सेमेस्टर के एक छात्र गौरव जाटव ने बताया कि प्रोफेसर अनीस शेख बिना क्लास किए मुस्लिम छात्र-छात्राओं को अच्छे नंबर देते हैं, जबकि हिंदू छात्र-छात्राओं को कम नंबर दिए जाते हैं। विद्यार्थियों का यह भी आरोप है कि प्रोफेसर अनीस छात्र-छात्राओं पर धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने के लिए दबाव डालते हैं। इसके साथ ही तिलक-कलावा पहनने पर रोक लगाते हैं।
फार्मेसी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि वह ग्रामीण इलाके से पढ़ने के लिए आती है। उसने आरोप लगाया कि प्रोफेसर अनीस शेख सोशल मीडिया पर उसे शायरी भेजते हैं। वहीं, इन आरोपों को लेकर प्रोफेसर अनीस शेख ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि उन पर क्या आरोप लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है।
अनीस शेख ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने कोरोना के दौरान ह्वाट्सऐप ग्रुप बनाया था, ताकि छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा, “मैं 13 साल से अतिथि टीचर हूँ, लेकिन इस तरह के आरोप पहले कभी नहीं लगे। कुछ लोगों द्वारा छात्रों को मोहरा बनाकर उन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है।”