इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद पर कथित बयान के विरोध में जुमे की नमाज के बाद कट्टरपंथियों की हिंसा को देखते हुए सरकार सतर्क है। तेलंगाना में बीजेपी के फायरब्रांड विधायक राजा सिंह ने 17 जून को जुमे को लेकर आगाह किया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस्लामिक कट्टरपंथ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया है।
बीजेपी के विधायक राजा सिंह ने कहा, “कल जुमा है। जिस मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाज निकलते हैं, उस मस्जिद के इमाम को गिरफ्तार करना चाहिए और मस्जिद को भी सील करना चाहिए।” राजा सिंह हैदराबाद के गोशमहल से विधायक हैं।
कल जुमा है जिस मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाज निकलते हैं।
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) June 16, 2022
उस मस्जिद के इमाम को गिरफ्तार करना चाहिए और मस्जिद को भी सील करना चाहिए।
इसी तरह से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने भी जुमे को देखते हुए कमर कस लिया है। कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। आरएएफ, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है।
प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा है कि धर्मगुरुओं से बात की गई है। पिछली बार के बवाल को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ड्रोन कैमरे के जरिए आसमान से नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, कुछ सेलेक्टिव जगहों की फोटोग्राफी के लिए 200 फोटोग्राफरों की टीम को लगाया गया है।
इसी क्रम में गोरखपुर के सिटी एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा है कि पिछले सप्ताह की तरह ही इस बार भी जुमे की नमाज के लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ड्रोन के माध्यम से कुछ घरों को चिन्हित किया है, जिनकी छतों पर पत्थर मिले हैं। उन्हें नोटिस देकर पत्थर हटवा दिए गए।
पिछले सप्ताह के तरह ही इस बार भी जुमे की नमाज के लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है। हमने ड्रोन के माध्यम से कुछ घरों को चिन्हित किया है जिसके छतों पर पत्थर मिले हैं, उनको नोटिस दे कर पत्थर हटवा दिए जाएंगे। धर्म गुरुओं से भी बात की जा रही है: कृष्ण कुमार बिश्नोई SP सिटी, गोरखपुर pic.twitter.com/2uJjCox9iV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 16, 2022
गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद पर कथित बयान को लेकर 10 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई राज्यों में व्यापक हिंसा की थी। इनमें उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि राज्य शामिल हैं।