Sunday, November 17, 2024
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मुझे मारना चाहते हैं… अतीक अहमद को लेकर साबरमती जेल से निकली यूपी पुलिस, काफिले के पीछे आने से मीडिया को रोका गया: 1300 Km का है रास्ता

उत्तर प्रदेश एटीएस और यूपी पुलिस की एक टीम अतीक अहमद को प्रयागराज शिफ्ट करने के लिए रविवार (26 मार्च, 2023) की सुबह अहमदाबाद के साबरमती जेल पहुँची थी।

उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपित अतीक अहमद (Atique Ahmed) को अहमदाबाद के साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। यूपी एटीएस उसे लेकर साबरमती जेल से निकल चुकी है। जेल से बाहर आने के बाद अतीक ने मीडिया के सामने अपनी हत्या की आशंका जताई है। वहीं, पुलिस ने अतीक अहमद को लेकर निकले काफिले को मीडिया पीछा करते हुए कवर करना चाहती थी। लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

उत्तर प्रदेश एटीएस और यूपी पुलिस की एक टीम अतीक अहमद को प्रयागराज शिफ्ट करने के लिए रविवार (26 मार्च, 2023) की सुबह अहमदाबाद के साबरमती जेल पहुँची थी। प्रयागराज शिफ्ट करने से पहले उसका मेडिकल चेकअप कराया गया। इसके बाद जरूरी कार्रवाई के बाद अब ट्रांसफर वॉरंट पर उसे प्रयागराज ले जाया जा रहा है।

यूपी एटीएस रविवार (26 मार्च, 2023) की शाम 5 बजकर 44 मिनट पर अतीक अहमद को लेकर जेल से बाहर आई थी। इसके बाद उसे वैन में बैठाकर प्रयागराज के लिए रवाना हो गई। इससे पहले उसने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ये लोग कोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर उसे मारना चाहते हैं। प्रयागराज लाने के यूपी पुलिस को करीब 1300 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ेगा। इसमें 30-35 घण्टे का समय लग सकता है। चूँकि, अतीक को सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। ऐसे में, प्रदेश की सीमा तक गुजरात पुलिस भी इस काफिले के साथ रहेगी।

यूपी पुलिस मंगलवार (28 मार्च, 2023) को अतीक अहमद को प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश करेगी। अतीक के भाई अशरफ अहमद की भी कोर्ट में पेशी होनी है। वह फिलहाल बरेली जेल में बंद है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही उसे भी प्रयागराज जेल में लाया जा सकता है। अतीक अहमद के प्रयागराज जेल में हो रहे ट्रांसफर को लेकर गाड़ी पलटने की भी चर्चाएँ जोरों पर हैं।

क्यों लाया जा रहा है प्रयागराज

दरअसल, उमेश पाल बसपा विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे। राजू पाल की हत्या के एक साल बाद 28 फरवरी, 2006 को अतीक अहमद ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया था। आरोप है कि अतीक और उसके भाई अशरफ ने राजू पाल की हत्या मामले में उमेश पाल को धमकाया और इसके बाद डरा कर कोर्ट में उनकी गवाही दर्ज करा ली। यह सब जब हो रहा था तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। दवाब के चलते पुलिस ने उमेश पाल की शिकायत पर मुकदमा नहीं लिखा।

हालाँकि इसके बाद प्रदेश में सरकार बदलने पर मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब 28 मार्च 2023 को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। यही नहीं, उमेश पाल हत्याकांड में भी अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ आरोपित है। ऐसे में यूपी पुलिस दोनों से इस मामले में भी पूछताछ करेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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