उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (UP STF) ने मुजफ्फरनगर से जावेद नाम के एक युवक को चार ज़िंदा टाइम बम के साथ पकड़ा है। जावेद का मुजफ्फरनगर दंगों से भी कनेक्शन सामने आया है। ये टाइम बम इमराना नाम की एक मुस्लिम महिला ने ऑर्डर देकर बनवाए थे। आरोपित से यूपी एसटीएफ, एटीएस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम पूछताछ कर रही है।
जानकारी के अनुसार, UP STF ने गुप्त सूचना के आधार मुजफ्फरनगर के कोतवाली थाना क्षेत्र के काली नदी का पुल चरथावल रोड से जावेद पुत्र जरीफ अहमद को पकड़ा है। पुलिस ने उसे एक मुखबिर की सूचना के आधार पर उसे पकड़ा है। उसके पास एक नीले रंग का बैग था, जिसके अंदर यह 4 टाइम बम रखे हुए थे। बैग के अंदर कैम्पस शूज का एक डब्बा था, जिसमें ये बम छुपाकर रखे गए थे।
पुलिस ने बताया है कि जावेद के पास से मिले बम IED टाइप के हैं। इनमें बड़ी सी ग्लूकोज की बोतल लगी हुई है, जिसके भीतर बारूद भरा हुआ है। बम के भीतर लोहे के छर्रे और अन्य विस्फोटक भी भरे हुए हैं। इसमें धमाके का टाइम सेट करने के लिए घड़ियाँ भी लगाई गई है। बम निरोधक दस्ते को बुलाकर इन बमों को निष्क्रिय करा दिया गया है।
पुलिस की पूछताछ में जावेद ने बताया है कि उसने यह बम इमराना नाम की एक महिला के कहने पर बनाए थे। उसने इन बम को बनाने के लिए उसे ₹50,000 देने का वादा किया था। इसके लिए इमराना ने उसे ₹10,000 पहले दिए गए थे और बम की डिलीवरी के बाद ₹40,000 का भुगतान करने को कहा था। इमराना शामली की रहने वाली है और वर्तमान में मुजफ्फरनगर के खालापार इलाके में ही रहती है।
जावेद से पूछताछ में सामने आया है कि उसने बम बनाना मुजफ्फरनगर में ही अपने चाचा और दादा से सीखा है। उसका चाचा मोहम्मद अर्शी मुजफ्फरनगर में पटाखे की दुकान चलाता है। उसने कुछ जानकारी यूट्यूब से इकट्ठा की है। कहा जा रहा है कि जावेद बम बनाने में माहिर है। इन बम का उपयोग कहाँ होना था, इसके बारे में जानकारी सिर्फ इमराना को ही है। इमराना फिलहाल फरार है।
जावेद की परवरिश नेपाल में हुई है। उसके पिता नेपाल घूमने गए थे और वहीं पर नीतू नाम की एक महिला से मुलाकात हुई और दोनों ने शादी कर ली थी। वह दो भाई और एक बहन है। सबका जन्म और परवरिश नेपाल में हुई है। उसकी बहन की शादी नेपाल में ही हुई है और भाई अमेरिका के शॉपिंग मॉल में काम करता है। 7वीं कक्षा के बाद जावेद अपने दादा के पास रहने के लिए मुजफ्फरनगर के मुस्लिम बहुल खालापार में आ गया।
#WATCH | ADG Law & Order, UP and UP STF chief Amitabh Yash says, "Two accused were arrested in Muzaffarnagar and four IEDs were recovered from them. All of these could be triggered through a remote control or timer. Those who built these bombs and have been arrested had built… pic.twitter.com/siJPeMVvfC
— ANI (@ANI) February 16, 2024
उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया है, “मुजफ्फरनगर में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चार IED बरामद हुई है। ये रिमोट कंट्रोल से ट्रिगर की जा सकती हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान ऐसे ही बम बाँटे थे।” उन्होंने कहा है कि इनके किसी संगठन से जुड़े होने को लेकर उनसे पूछताछ और जाँच की जा रही है।