Monday, December 23, 2024
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अलीगढ़ की एक विधवा ने CM योगी आदित्यनाथ से माँगी सपरिवार इच्छामृत्यु: गाँव के दबंगों पर प्रताड़ित करने का आरोप, बेटे को अगवा कर मूत्र पीने को किया मजबूर

"मेरे अपहरण के समय गाँव का प्रधान भी मौके पर मौजूद था। मुझे आँखों पर पट्टी बाँध कर न जाने कहाँ ले जाया गया था। 4 महीने बाद मुझे अचेत हालत में वे मेरे घर से 20 किलोमीटर दूर मुझे छोड़ कर चले गए।"

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की एक महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे परिवार के साथ इच्छामृत्यु की इजाजत देने की माँग की है। महिला का आरोप है कि गाँव के कुछ दबंग उसके परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। उसके बेटे को चार महीने पहले अगवा कर बुरी तरह पीटा गया। उसे मूत्र पीने को मजबूर किया गया।

आरोप है कि पड़ोस के ही एक दलित दबंग परिवार ने निखिल शर्मा का अपहरण कर उसकी पिटाई की और मूत्र पीने को मजबूर किया। 21 साल का निखिल कथित तौर पर अगवा किए जाने के करीब 4 महीने बाद अपने घर से 20 किलोमीटर दूर दोनों मिला। उसके दोनों हाथ बँधे थे। पुलिस ने इस मामले में कुल 9 लोगों पर FIR दर्ज की है। एक की गिरफ्तारी हुई है।

पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक घटना 24 फरवरी 2022 की है। मामला हरदुआगंज थानाक्षेत्र के गाँव बरोठा की है। मामले में FIR 11 अप्रैल 2022 को दर्ज हुई है। शिकायतकर्ता निखिल की माँ राजकुमारी शर्मा हैं, जो विधवा हैं। शिकायत में उन्होंने कहा है, “आरोपित पक्ष रास्ते में जानवर बाँधते थे। जिसका विरोध मेरे बेटे ने किया। एक दिन दोनों पक्षों को पुलिस पकड़ कर ले गई और थाने में ग्राम प्रधान के आगे समझौता हो गया। वहाँ से लौटकर आने के बाद विपक्षियों ने एकजुट होकर मेरे बेटों के साथ मुझे और मेरी बेटी को सरिया और डंडों से मारा और हमारे साथ अभद्रता भी की।”

उन्होंने आगे बताया है, “उसी दिन (24 फरवरी) से मेरा बेटा निखिल गायब है। मेरी शिकायत थाने पर नहीं लिखी गई और न ही हमारा मेडिकल करवाया गया। विपक्षियों में सुरेश नाम का व्यक्ति पुलिसकर्मी है।” पीड़िता ने अपने बेटे के साथ किसी अनहोनी की आशंका भी जताई थी।

पीड़िता द्वारा दी गई नई शिकायत के मुताबिक इस घटना के लगभग 4 माह 6 दिनों के बाद उनका बेटा 30 जून 2022 को घर से लगभग 20 किलोमीर दूर मिला। शिकायत पत्र में कहा गया है, “मेरे बेटे को कैद में रखने के दौरान प्रताड़ना दी गई। उसे नशे की गोलियाँ खिलाकर पेशाब पिलाई गई और मारपीट की गई। वह मंजूरगढ़ी हाइवे के नजदीक मरणासन्न हालत मे हाथ बँधे हुए मिला था।”

मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र

पीड़िता ने पुलिस पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगते हुए न्याय न मिलने पर स्वतंत्रता दिवस के दिन परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास के पास जान देने के बात कही है। इस मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी ऑपइंडिया के पास उपलब्ध है।

पुलिस ने इस घटना में IPC की धारा 147, 148, 323, 504, 506, 452, 364 व 354 (ख) के तहत 7 पुरुषों और 2 महिलाओं को आरोपित किया है। पीड़ित के मुताबिक आरोपितों में अभी तक सिर्फ बंटी नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी 15 जून को हुई थी। वह 30 जून को जमानत पर बाहर आया। इसी दिन निखिल भी मिला था। निखिल की बहन नम्रता ने ऑपइंडिया से बताया कि बाकी आरोपित अभी खुलेआम खूम रहे हैं। उन्हें किसी कार्रवाई का डर नहीं है।

नम्रता ने 4 माह बाद मिले अपने भाई का वीडियो भी ट्वीट किया है जिस पर अलीगढ़ पुलिस ने मामले को पुराना बताते हुए कानूनी कार्रवाई जारी होने की बात कही है।

ऑपइंडिया ने अपहृत निखिल से बात की। निखिल ने कहा, “मेरे अपहरण के पहले आरोपित मनोज नाम के एक व्यक्ति को पीट चुके थे। मैं तो उसकी उलाहना ले कर गया था। यही बात उन सभी को रास नहीं आई। मेरे अपहरण के समय गाँव का प्रधान भी मौके पर मौजूद था। मुझे आँखों पर पट्टी बाँध कर न जाने कहाँ ले जाया गया था। मेरी रखवाली में एक ऐसे व्यक्ति को रखा गया था जो भावनाशून्य था और मुझसे कोई बात नहीं करता था। मुझको खाने में पारले बिस्किट दिया जाता था। मुझे पेशाब सुरेश ने पिलाया था जो UP पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। 4 महीने बाद मुझे अचेत हालत में वे मेरे घर से 20 किलोमीटर दूर मुझे छोड़ कर चले गए। पुलिस इस मामले में संतोषजनक जाँच नहीं कर रही है, क्योंकि दूसरी तरफ पैसे वाले लोग हैं। आरोपित के घर में सब इंस्पेक्टर के साथ रोडवेज विभाग में कर्मचारी, खाद के व्यापारी और बिजली विभाग से रिटायर्ड लोग हैं।”

ऑपइंडिया से बात करते हुए SHO हरदुआगंज राजेश कुमार ने कहा, “हम पूरी निष्पक्षता से जाँच और कार्रवाई कर रहे हैं। घटना से जुड़े सभी सबूत जमा किए जा रहे हैं। पीड़ित के फोन कॉल डिटेल से भी हमें कुछ सुराग मिले हैं जिनको हम सार्वजानिक नहीं कर सकते। जल्द ही हम अंतिम निष्कर्ष पर पहुँचकर मामले का सबूतों के साथ खुलासा करेंगे।”

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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