उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि इस मामले में अंबेडकर नगर पुलिस (Ambedkar Nagar Police) आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। इस घटना की वजह से उनकी बेटी सदमे में थी, जिसके कारण उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस मामले में एसपी अजीत कुमार सिन्हा ने एसओ को लाइन हाजिर और सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
यह मामला अंबेडकरनगर के मालीपुर थाना क्षेत्र के एक गाँव का है। पीड़िता के माता-पिता दुर्गा पूजा में गए हुए थे तभी नाबालिग ने 4 अक्टूबर 2022 की रात फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नाबालिग की मौत के बाद से गाँव में तनाव की स्थिति है। परिवार का कहना है पुलिस की लापरवाही की वजह से उनकी बेटी की जान गई है। प्रशासन आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे और जल्द से जल्द आरोपितों को गिरफ्तार करे।
जनपद अम्बेडकरनगर थाना मालीपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कांदीपुर में एक लड़की द्वारा आत्महत्या कर लेने के सम्बन्ध में श्रीमान पुलिस अधीक्षक अम्बेडकरनगर द्वारा दी गयी बाईट-@Uppolice https://t.co/vTs4oeJFIr pic.twitter.com/x9fTRBZGIc
— AMBEDKARNAGAR POLICE (@ambedkarnagrpol) October 5, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 सितंबर 2022 को 15 साल की छात्रा को किडनैप कर लिया गया था। परिवार के लोगों ने थाने में अपहरण का केस दर्ज करवाया था। 18 सितंबर को पीड़िता ने अपने घर पहुँचकर परिजनों को बताया कि लखनऊ के एक होटल में उसके साथ गैंगरेप किया गया। इसके बाद परिवार के लोग पीड़िता को लेकर थाने पहुँचे और उन्होंने गैंगरेप का केस दर्ज करवाया। लेकिन परिवार के मुताबिक पुलिस उनके ऊपर केस दबाने का दबाव बनाने लगी।
वहीं पीड़िता घर वापस आने के बाद से सदमे में थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया था, “16 सितंबर को मैं स्कूल से घर वापस आ रही थी। लेकिन घर से करीब 1 किलोमीटर दूर मुझे गाँव की एक महिला और अरशद नाम का शख्स दिखाई दिया। तभी मौके पर एक कार से कुछ नकाबपोश लोग उतरे और मुझे जबरदस्ती कार में बैठा लिया। घटना के समय महिला और अरशद भी मौके पर ही थे।”
पीड़िता ने आगे कहा था, “इसके बाद ये लोग मुझे लखनऊ के एक होटल लेकर गए और वहाँ मेरे साथ गंदा काम किया। वो लोग मुझसे कह रहे थे कि अगर शोर करोगी तो तुम्हें यहीं मार देंगे। उन्होंने मुझे दो दिन तक एक कमरे में बंद करके रखा था। मैं दो दिन तक भूखी-प्यासी इस कमरे में बंद थी। 18 सितंबर को किसी तरह मौका पाकर लखनऊ से घर भाग आई। घर पहुँचकर मैंने परिवार के लोगों को सारी जानकारी दी।”
बता दें कि पीड़िता के आत्महत्या करने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्थानीय जहाँ घटना से भड़के हुए थे वहीं अब पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बचाव में पुलिस ने कहा है कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद पीड़िता को मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा था। परिवार की शिकायत पर 2 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। पूरे मामले की जाँच भी की जा रही थी।