उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले से ऐसा फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है, जहाँ आजमगढ़ के एक मदरसे में पढ़ाने वाले मौलाना ने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली। इसके बाद भी वो पढ़ाता रहा। यहीं नहीं रिटायर होने के बाद वो ब्रिटेन चला गया, लेकिन लगातार वो पेंशन भी लेता रहा। इस घटना का खुलासा होने के बाद अब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के सहसराँव माफी गाँव का है। यहीं के रहने वाले अब्दुल करीम नाम के व्यक्ति ने तहसील दिवस के मौके पर शिकायत की थी कि इलाके के मीट मंडी रोड के रहने वाले आरोपित मौलाना शमशुल होदा ब्रिटिश नागरिकता लेने के बाद भी सरकारी मदरसे के मौलाना के तौर पर पहले वेतन ले रहा था और सर्विस से वीआरएस लेने के बाद वह अब पेंशन भी ले रहा है।
करीम को शमशुल होदा की कार्यशैली पर शक था, जिस कारण से उसने आरटीआई के जरिए ये जानकारी निकाली। आरटीआई के इन्फॉर्मेशन आने के बाद पता चला कि शमशुल होदा आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर में सरकारी मदरसे में पढ़ा रहा था। वर्ष 2013 में उसने ब्रिटिश नागरिकता ले ली थी, लेकिन इसके 4 साल तक वो मदरसे में बतौर मौलाना पढ़ाता रहा। हालाँकि, 2017 में मौलाना ने अपनी सर्विस से रिटायरमेंट ले लिया था, लेकिन अभी भी वो उत्तर प्रदेश सरकार से पेंशन ले रहा है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 66 के अंतर्गत यह गैरकानूनी है। इसी मामले को लेकर करीम ने शिकायत की।
नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब
फ्रॉडगीरी के इस मामले में एडीएम स्तर पर आरोपित मौलाना को दो बार पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन उसने अब तक कोई भी जबाव नहीं दिया है। वहीं शिकायतकर्ता ने आरोपित पर मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशों से अवैध फंडिंग का आरोप लगाया है। उसने अपने गृह जिले में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बना ली है। शिकायत में ये भी आरोप लगाया है कि आरोपित मौलाना ब्रिटेन के मैनचेस्टर में पाकिस्तान के संगठन दावते इस्लामी में इस्लामिक टीचर के तौर पर काम कर रहा है। उसके खिलाफ में एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पता चला था कि वह ब्रिटेन में जबरन नाबालिग लड़कियों का निकाह करा रहा था। उस पर चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप भी है।
एक करोड़ रुपए से अधिक का वेतन और पेंशन ले चुका
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की नागरिकता ले चुके शमशुल होदा ने सरकार से नौकरी और पेंशन के रूप में अब तक एक करोड़ रुपए से अधिक ऐंठ लिए हैं। रिटायर होने के बाद उसे हर महीने 40,000 रुपए की पेंशन मिल रही थी। इतना ही नहीं उस पर ब्रिटिश नागरिक होने के बाद भी इंडिया में इलेक्शन ड्यूटी और मतदान करने का आरोप है।