उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपराध औऱ अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम कर रही है। इसी कड़ी में लखनऊ पुलिस ने शातिर अपराधी अजमत अली और उसके बेटे मोहम्मद इकबाल के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। अजमत अली की 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई है। इसी तरह उसके बेटे इकबाल की भी 77 लाख से ज्यादा की संपत्ति सीज की गई है।
अजमत अली कभी 1200 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करता था। उसका बेटा सपा की सरकार में राज्यमंत्री रहा है। पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक बाप-बेटे आपराधिक गिरोह चला रहे थे, जिसका सरगना अजमत अली है।
#पुलिस_कमिश्नरेट_लखनऊ द्वारा शातिर अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही-शातिर अपराधी अजमत अली पुत्र महफूज अली के विरुद्ध की गई 14 (1) कुर्की की कार्यवाही।
— POLICE COMMISSIONERATE LUCKNOW (@lkopolice) July 26, 2021
2,54,45,02,951/- (दो अरब चौव्वन करोड़ पैतालिस लाख दो हजार नौ सौ इक्यावन रूपये) रु0 की संपत्ति को किया गया कुर्क। @Uppolice @UPGovt pic.twitter.com/CcLZCLsfZ0
रिपोर्ट के मुताबिक, जब्त की गई संपत्ति में अजमत अली की 2,54,24,02,951 रुपए और मोहम्मद की 77,35,530 रुपए की संपत्ति शामिल है। पुलिस ने ये कार्रवाई एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंसन) एक्ट 1986 के तहत की है। जब्त संपत्तियों में कैरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस एंड हॉस्पिटल, हॉस्टल, स्नातकोत्तर संस्थान, निर्माणाधीन भवन, जमीनें शामिल हैं। इसके अलावा क्वालिस कार, इनोवा, फार्च्यूनर, ऑडी समेत कई गाड़ियाँ भी शामिल हैं।
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक, मणियाँव थाने में आरोपित बाप-बेटे के खिलाफ 11 केस दर्ज हैं। अकेले अजमत अली के खिलाफ 2015 से 2021 के दौरान 8 केस दर्ज हुए हैं। इसमें धोखाधड़ी, मारपीट, एससी-एसटी समेत कई मामले शामिल हैं। वहीं मोहम्मद इकबाल पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, मारपीट, बलवा से जुड़े तीन केस दर्ज हैं।
अलीगंज के एसीपी अखिलेश सिंह के मुताबिक, अजमत अली ने 1995 में कैरियर कॉन्वेंट एजुकेशनल ट्रस्ट बनाया था। इसी के जरिए उसने सरकारी जमीनों, रास्तों व चकरोडों पर कब्जा कर अवैध संपत्ति खड़ी कर ली। उसने गैरकानूनी कमाई के दम पर 1998 से 2000 के दौरान कैरियर कॉन्वेंट कॉलेज का निर्माण किया और साल 2007 में कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल को नेशनल हाइवे से सटाकर बनवाया।
पुलिस का कहना है कि मणियाँव क्षेत्र के घैला गाँव का रहने वाला अजमत अली कभी 1200 रुपए महीने के हिसाब से काम करता था। बड़ा बनने की चाह में उसने अपने बेटे मोहम्मद इकबाल के साथ मिलकर गैंग बनाया औऱ अपराध करने लगा।