उत्तर प्रदेश के नोएडा में ए़टीएस की टीम पुलिस ने धर्मान्तरण कराने वाले दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक उमर गौतम पहले हिंदू ही था। वह करीब 30 साल पहले धर्मान्तरण कर मुस्लिम बन गया था। इसके बाद से ही वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहा था। यहीं से धर्मान्तरण का सारा खेल खेला जाता है।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का रहना वाले उमर गौतम का असली नाम श्याम प्रताप सिंह था, जिसका जन्म 1964 में परिवार में हुआ था। उमर गौतम के 6 भाई थे, जिनमें से वो चौथे नंबर का है।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, गाँव में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गौतम इलाहाबाद (प्रयागराज) चला गया और वहाँ से बीएससी एग्रीकल्चर करने के लिए नैनीताल चला गया। यहीं पर हॉस्टल में रहते हुए एक दिन गौतम बहुत बीमार हो गया और उसकी सेवा पड़ोस में रहने वाला नासिर करने लगा। नासिर अपनी साइकिल पर बैठाकर उसे डॉक्टर के पास ले जाता था, जिससे दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी।
इस बीच नासिर श्याम को लगातार इस्लामिक किताबें पढ़ने के लिए देता रहा। करीब डेढ़ साल तक चले इस सिलसिले के बाद श्याम इस्लाम से इतना प्रभावित हुआ कि उसने हिंदू धर्म त्यागकर इस्लाम अपना लिया और नाम बदलकर मोहम्मद उमर गौतम रख लिया। उसने जामिया मिलिया इस्लामिया से इस्लामिक स्टडीज में एमए भी किया है।
विदेशों में इस्लाम का प्रचार करता है उमर गौतम
इस्लाम में शामिल होने के बाद सबसे पहले उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताम सिंह ने दिल्ली के जामिया इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर खोला। इसके बाद वह विदेशों में इस्लाम का प्रचार करता था। वह लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तैयार करता था।
आईओसी से चलता था धर्मान्तरण का सारा खेल
उमर गौतम द्वारा स्थापित इस्लामिक दावा सेंटर में ही गैर मुस्लिमों का धर्मान्तरण कराया जाता था। मोहम्मद उमर अपने चार मंजिला घर को ही ऑफिस बना रखा था, जिसे एटीएस ने सील कर दिया है। पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आरोपित दावा सेंटर में लोगों का धर्मान्तरण कराने के बाद उनका निकाह कराते थे। धर्मान्तरण और निकाह का प्रमाण पत्र बनवाने के बाद उसे अवैध तरीके से कानूनी मान्यता दिलावाया जाता था। ये दोनों अब तक 1,000 से अधिक लोगों का धर्मान्तरण करा चुके हैं।